कश्मीर में हालात लगभग सामान्य, पर विशेष दर्जा हटने की बात लोगों को स्वीकार नहीं हो रही : रिपोर्ट

By भाषा | Published: April 16, 2021 10:57 PM2021-04-16T22:57:54+5:302021-04-16T22:57:54+5:30

The situation in Kashmir is almost normal, but there is no acceptance of special status removal: Report | कश्मीर में हालात लगभग सामान्य, पर विशेष दर्जा हटने की बात लोगों को स्वीकार नहीं हो रही : रिपोर्ट

कश्मीर में हालात लगभग सामान्य, पर विशेष दर्जा हटने की बात लोगों को स्वीकार नहीं हो रही : रिपोर्ट

श्रीनगर, 16 अप्रैल पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व वाले ‘कंसर्न्ड सिटिजनस ग्रुप’ द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कश्मीर में हालात सामान्य हो गए हैं लेकिन लोग अभी भी जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के केन्द्र के 2019 के फैसले को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।

समूह 30 मार्च से दो अप्रैल तक कश्मीर की यात्रा पर था। केन्द्र सरकार द्वारा संविधान का अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद यह समूह का केन्द्र शासित प्रदेश का तीसरा और जुलाई 2016 में आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हुई हिंसा के बाद आठवां दौरा था।

समूह ने एक बयान में कहा, ‘‘कंसर्न्ड सिटिजनस ग्रुप (सीसीजी) ने सिविल सोसायटी समूहों के सभी तबकों के प्रतिनिधियों, उद्योगपतियों/व्यावसायियों, नेताओं, जिला विकास परिषद के नव-निर्वाचित सदस्यों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, कश्मीरी पंड़ितों के प्रतिनिधियों, शिया नेताओं और नेताओं, खास तौर से पांच अगस्त, 2019 के बाद जेल भेजे गए और फिर रिहा किए गए नेताओं से भेंट की।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह के पिछले दौरे के मुकाबले कश्मीर में स्थिति अब ‘ज्यादा सामान्य’ लग रही है।

बयान के अनुसार, ‘‘कश्मीर शांतिपूर्ण लग रहा है। लोग अपने रोज-मर्रा के काम पर जा रहे हैं। हमारे पिछले दौरे के मुकाबले जीवन अब ज्यादा सामान्य लग रहा है।’’

समूह ने हालांकि दावा किया कि केन्द्र शासित प्रदेश के लोग अभी भी जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने का फैसला स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘जब हालात के सामान्य होने के बारे में पूछा जाता है तो लोग कहते हैं, दो साल के लॉकडाउन के बाद भी जीवन तो चलना ही है। उनका दावा है कि उन्हें जिंदगी चलाने के लिए काम करना ही है और अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना है। लेकिन, साथ ही वे यह कहना नहीं भूलते हैं कि इससे यह नहीं माना जाना चाहिए कि हमने पांच अगस्त, 2019 के फैसले को अपना लिया है।’’

रिपोर्ट में सीसीजी ने यह भी कहा है कि सरकारी नीतियों और पुलिस कार्रवाई के खिलाफ बोलने या उसकी आलोचना करने के लिए सोशल मीडिया, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, में कहीं कोई जगह नहीं है।

उसमें कहा गया है, ‘‘पत्रकारिता का तो एक तरह से अपराधीकरण कर दिया गया है। सिविल सोसायटी के प्रदर्शनों को अनुमति नहीं है। राजनीतिक दलों को रैलियां करने की अनुमति है। पुलिस पत्रकारों और आम लोगों को तलब करने से नहीं हिचकिचाती है और जन सुरक्षा कानून के तहत उन्हें हिरासत में भेजने से कोई गुरेज नहीं करती।

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Web Title: The situation in Kashmir is almost normal, but there is no acceptance of special status removal: Report

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