विधानसभा में पटल पर रखी गई बिकरू कांड की रिपोर्ट
By भाषा | Published: August 19, 2021 08:31 PM2021-08-19T20:31:08+5:302021-08-19T20:31:08+5:30
उत्तर प्रदेश की विधानसभा में कानपुर के बिकरू कांड की रिपोर्ट पटल पर रखी गई जिसकी जांच उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बीएस चौहान की अध्यक्षता में गठित जांच आयोग ने की है।संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बृहस्पतिवार को सदन के पटल पर रिपोर्ट रखने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि बीएस चौहान की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जा रही है। कुछ समय पहले ही बिकरू कांड की जांच रिपोर्ट जांच आयोग ने सरकार को सौंपी थी। इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश डॉक्टर बीएस चौहान की अध्यक्षता में बनाई गई तीन सदस्यों की समिति ने की है । उल्लेखनीय है कि कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दो जुलाई, 2020 की रात को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। यह पुलिस टीम बिकरू निवासी कुख्यात माफिया विकास दुबे को पकड़ने उसके घर पर दबिश देने गई थी। पुलिस का आरोप है कि विकास दुबे और उसके सहयोगियों ने एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी। इस घटना के हफ्ते भीतर ही विकास दुबे को मध्यप्रदेश की पुलिस ने उज्जैन में गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार विकास दुबे को जब पुलिस उज्जैन से कानपुर ले आ रही थी तो उसने भागने की कोशिश की और तभी मुठभेड़ में उसे मारा गया। तब इस बारे में उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों से कहा था कि बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को पुलिस ने उज्जैन में गिरफ्तार किया था और उसे कानपुर लाया जा रहा था। कानपुर जिले में गाड़ी पलट गई तो विकास दुबे ने एक घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन ली और भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस ने उसे चारो तरफ से घेर कर आत्मसमर्पण के लिए कहा लेकिन उसने आत्मसमर्पण की बजाय गोली चला दी और जवाब में पुलिस ने भी आत्मरक्षा में गोली चलाई जिसमें वह घायल हो गया। घायल विकास को पुलिस जब अस्पताल लेकर पहुंची तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। खन्ना ने बिकरू कांड की रिपोर्ट के अलावा सदन के पटल पर भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक का प्रतिवेदन आर्थिक क्षेत्र एवं सामाजिक उपक्रमों पर 31 मार्च, 2019 को समाप्त हुए वर्ष के लिए उत्तर प्रदेश सरकार वर्ष 2021 का प्रतिवेदन भी सदन के पटल पर रखा। उन्होंने नियंत्रक महालेखा परीक्षक का जनरल एवं सोशल सेक्टर 31 मार्च, 2019 को समाप्त हुए वर्ष के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिवेदन भी सदन के पटल पर रखा।
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