कर्नाटक विधानसभा ने विधानपरिषद के संशोधनों के साथ भूमि सुधार विधेयक पारित किया

By भाषा | Updated: December 9, 2020 22:13 IST2020-12-09T22:13:18+5:302020-12-09T22:13:18+5:30

The Karnataka Legislative Assembly passed the Land Reforms Bill with amendments to the Legislative Council | कर्नाटक विधानसभा ने विधानपरिषद के संशोधनों के साथ भूमि सुधार विधेयक पारित किया

कर्नाटक विधानसभा ने विधानपरिषद के संशोधनों के साथ भूमि सुधार विधेयक पारित किया

बेंगलुरु, नौ दिसंबर कर्नाटक विधानपरिषद में विवादास्पद ‘कर्नाटक भूमि सुधार (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2020’ पारित किए जाने के एक दिन बाद बुधवार को इसे विधानसभा ने स्वीकृति दे दी। हालांकि, कांग्रेस के सदस्यों इस दौरान सदन से बहिर्गमन किया।

यह विधेयक कुछ खास संशोधनों के साथ कृषि भूमि के मालिकाना हक को उदार बनाता है।

राज्य सरकार ने मंगलवार को कहा था कि वह विधानपरिषद में जनता दल (सेक्युलर) के समर्थन के बाद विधेयक को पारित कराने में सफल रही है।

राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा, ‘‘हमने सदन में पूर्व में चर्चा किए गए और पारित किए गए विधेयक में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है, सिवाय कुछ छोटी चीजों के। साथ ही, कुछ चीजों को स्पष्ट किया गया है। ’’

हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एच के पाटिल ने विधेयक में कुछ संशोधन पेश किये, जिसका भाजपा विधायक के जी बोपैया और कानून मंत्री जेसी मधुस्वामी ने विरोध करते हुए कहा कि इस वक्त कोई संशोधन नहीं पेश किया जा सकता क्योंकि विधेयक इस सदन में और उच्च सदन में पहले ही पारित हो चुका है।

पाटिल का समर्थन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि सरकार भूमि को गैर कृषकों और निजी कंपनियों को दे रही है। इस पर मधुस्वामी ने पलटवार करते हुए कहा कि 2015 में संशोधन लाकर भूमि उपयोग में बदलाव करने की अनुमति देने वाले को अब नहीं बोलना चाहिए।

कांग्रेस और भाजपा के कुछ विधायकों के बीच बहस छिड़ जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने नियमों का हवाला देते हुए पाटिल की ओर से पेश किये गए संशोधनों को खारिज कर दिया।

इसके बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया, जबकि कांग्रेस विधायक सदन से बाहर चले गए।

विधानपरिषद में विधेयक को भेजे जाने से पहले विधानसभा ने मॉनसून सत्र के दौरान विधेयक को पारित किया था।

इस विधेयक ने सरकार द्वारा जुलाई में लाए गए एक अध्यादेश की जगह ली है।

विधान परिषद में विधेयक के लंबित रहने के दौरान राज्य सरकार ने अध्यादेश को अक्टूबर में फिर से जारी किया था।

कर्नाटक भूमि सुधार (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 में 1961 के अधिनियम में और संशोधन किया गया है। इसके जरिये कृषि भूमि को खरीदने पर लगी लगभग सारी पाबंदियों को हटा दिया गया है।

विधानसभा की कार्यवाही के दौरान राज्य के समाज कल्याण मंत्री बी श्रीरामुलू को शून्यकाल में दिए अपने एक बयान पर हंगामा होने के बाद उसे वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने कहा था कि वह विशेष योजना और जनजातीय उप योजना की राशि को ‘डीम्ड व्यय’ के लिए उपयोग किए जाने की सीमा पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करेंगे। विपक्ष सहित सत्तारूढ भाजपा के कुछ विधायकों ने भी उनके इस बयान का विरोध किया।

विधानसभा में कर्नाटक स्टांप (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2020 को भी पारित किया गया। इसका लक्ष्य राज्य में उद्योग के विकास को प्रोत्साहन देना है। इसके जरिये 35 लाख तक के पहले फ्लैट या अपार्टमेंट की बिक्री पर स्टांप शुल्क को कम किया गया है, जिसका प्रस्ताव बजट में किया गया था।

विधानसभा ने कर्नाटक संसदीय सचिव वेतन, भत्ता एवं विविध प्रावधान (निरसन) विधेयक, 2020 भी पारित किया।

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Web Title: The Karnataka Legislative Assembly passed the Land Reforms Bill with amendments to the Legislative Council

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