राम मंदिर मामले का निर्णय सुनाने वाले जजों से कराई जाए भूमि घोटाले की जांच : प्रदीप माथुर

By भाषा | Updated: June 19, 2021 13:39 IST2021-06-19T13:39:31+5:302021-06-19T13:39:31+5:30

The judges who pronounced the verdict of Ram temple case should be investigated in the land scam: Pradeep Mathur | राम मंदिर मामले का निर्णय सुनाने वाले जजों से कराई जाए भूमि घोटाले की जांच : प्रदीप माथुर

राम मंदिर मामले का निर्णय सुनाने वाले जजों से कराई जाए भूमि घोटाले की जांच : प्रदीप माथुर

मथुरा, (उत्तर प्रदेश) 19 जून राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई भूमि के मामले में सामने आए कथित गड़बड़ियों पर श्री राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट एवं भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए उत्तर प्रदेश विधान मण्डल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा के राज में मंदिर निर्माण के संबंध में हो रहे नित नए घोटालों के परिप्रेक्ष्य में सरकार को जनता के सामने सच्चाई लाने के लिए उच्चतम न्यायालय के उन्हीं जजों की समिति से भूमि प्रकरण के सभी मामलों की जांच करानी चाहिए, जिन्होंने मंदिर निर्माण के लिए अंतिम फैसला सुनाया था।

मथुरा विधान सभा क्षेत्र चार बार विधायक रह चुके माथुर पिछली बार 2017 के विस चुनाव में भाजपा के श्रीकांत शर्मा के हाथों परास्त हो गए थे।

माथुर ने यह भी कहा कि ऐसा इसलिए किया जाना चाहिए, क्योंकि वे सभी जज राम मंदिर से जुड़े प्रकरण के बारे तफ्सील से जानते हैं कि उसमें कब-कब, क्या-क्या हुआ। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, इस फैसले से पहले राम मंदिर निर्माण के लिए दशकों से चलाए जा रहे अभियान में जो चंदा आम जनता ने मंदिर निर्माण के लिए अब तक जमा किया था, उसका भी हिसाब दिया जाना चाहिए।

मीडिया से मुलाकात में कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘भगवान राम के प्रति देश-विदेश के करोड़ों लोग आस्था व विश्वास रखते हैं, उनका मंदिर बनवाने के लिए हर एक ने अपने सामर्थ्य के अनुसार सहयोग किया। मैंने व मेरी पत्नी ने भी सम्मानजनक राशि मंदिर निर्माण के लिए अर्पित की। परंतु, दुख होता है कि मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट के लोग ही उसमें घोटाला कर रहे हैं, कम कीमत पर खरीदी गई ज़मीन का सौदा कई गुना ज्यादा कीमत में दर्शा कर बीच की रकम का घपला कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अफसोस होता है कि मंदिर के लिए जमा किए अरबों रुपयों को संभालने वाले ट्रस्टी ही ओवर इनविस एवं ओवर बिलिंग कर दो करोड़ रुपये की ज़मीन की खरीद 18 करोड़ में दिखाकर अण्डरहैण्ड पैसा खा जाते हैं।‘

पूर्व विधायक ने कहा कि बात यहीं खत्म नहीं होती। इसके बाद भी नया मामला सामने आता है कि सड़क किनारे की ज़मीन अंदर की ज़मीन से कहीं कम कीमत पर खरीदी गई, जो इस मामले में किए जा रहे घपलों की एक नई किश्त को उजागर कर रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में ही एक रामभक्त महिला ने भी संदेह प्रकट किया है कि इस प्रकार के और भी मामले हो सकते हैं।

उन्होंने राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, हनुमान गढ़ी के महंत एवं पुजारी व राम मंदिर के मुख्य पुजारी द्वारा भी ट्रस्ट की कार्यप्रणाली के प्रति नाखुशी एवं असंतोष जाहिर करने की बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि वे सभी समय-समय पर उंगली उठा चुके हैं।

उन्होंने ट्रस्ट के सचिव चंपत राय पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘चंपतराय जी (माल) चंपत किए जा रहे हैं और खुद चंपत हो रहे हैं। पहला मामला सामने आने के बाद खुलकर विरोध जताने वाले चंपत राय अब कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। वे ही क्या, कोई दूसरा भी सामने नहीं आ रहा। सब गड़बड़ ही गड़बड़ है। वहां के महापौर आदि सब मिले हुए हैं।’’

माथुर ने आरोप लगाया, ‘‘सभी जानते हैं कि वहां भू-माफिया कौन है और उनके साथ किसके संबंध हैं ? ट्रस्ट के लोग उन्हीं के साथ मिलकर घपलों को अंजाम दे रहे हैं। इसलिए बेहतर होगा कि सरकार इस प्रकरण की जांच कराए और इससे पूर्व हुए चंदे का भी हिसाब जनता को पेश करे।

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Web Title: The judges who pronounced the verdict of Ram temple case should be investigated in the land scam: Pradeep Mathur

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