बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि अगर हमने 2016 भाजपा के साथ समझौता कर लिया होता तो हम बिहार के मुख्यमंत्री होते. जबकि सुशील कुमार मोदी जी हमारे साथ इसी पद पर बने रहते, जिसपद पर अभी विराजमान हैं. लेकिन, हमने कभी अपने नीति और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया ना करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार में तरह-तरह की समस्याएं सामने आई हैं. लेकिन उसका निदान अब तक नहीं निकल पाया है.
महाराष्ट्र में जारी राजनीति का जिक्र करते हुए तेजस्वी ने कहा कि वहां जो हुआ वह बिहार से कुछ अलग नहीं हुआ है. सुशील मोदी कहते हैं कि रात में अच्छे काम होते हैं क्या यही है अच्छा काम? हम लोगों ने कभी नीति-सिद्धांत से समझौता नहीं किया न आगे करेंगे. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, गोवा, नार्थ ईस्ट समेत कई राज्यो में जनादेश का अपमान किया गया है. देश की जनता सब देख रही है. न्यायालय में अभी कार्रवाई चल रही है.
उन्होंने कहा कि अभी इस मसले पर जजमेंट आने दीजिये फिर ही मैं कोई टिप्पणी करूंगा. वहीं, सूबे की नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर विफल है. उन्होंने कहा कि हम लोगों का काम है सरकार की खामियों को उठाने का वो हम कर भी रहे हैं, लेकिन ये सरकार पूरी तरह से तानाशाह बन चुकी है.
तेजस्वी ने कहा कि रविवार को मेरे सहयोगी और कांग्रेस द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा था, लेकिन सरकार ने तानाशाह रवैया दिखाया. पटना में कांग्रेस के लोगों पर हुई लाठीचार्ज की राजद घोर निंदा करती है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार अपनी लाठी का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन मैं कहूंगा कि वह अपने अंदर की खामियों को झांककर देखें. आज बिहार में सबसे बडा मसला बेरोजगारी का है. बिहार की बदहाली के लिए नीतीश कुमार और सुशील मोदी जिम्मेदार हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि 2016 में जदयू से पहले भाजपा ने राजद को सरकार बनाने का न्योता दिया था. उस वक्त अगर राजद ने सिद्धांतों से समझौता कर लिया होता तो बिहार में राजनीतिक समीकरण कुछ और होता. तेजस्वी ने कहा कि भाजपा ने उन्हें ऑफर दिया था कि बिहार में राजद-भाजपा की सरकार बने और मुख्यमंत्री राजद के ही किसी नेता को बनाया जाए. वहीं आफर में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को ही बनाने का प्रस्ताव दिया गया था.
उन्होंने कहा कि सिद्धांतों और उसूलों पर चलने वाली राजद ने इस आफर को साफ ठुकरा दिया और जो लोग सत्ता के लिए लालायित थे, उन्होंने नीति और सिद्धांत को ताक पर रखकर बिहार में सरकार बना ली. तेजस्वी ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर कहा कि वहां का मामला भी बिहार की ही तरह है और ये सभी जानते हैं. हमने कभी भी नीति-सिद्धान्त से समझौता नही किया है. यहां तो उपचुनाव के परिणाम से जनता ने अपना सन्देश दे दिया है.
तेजस्वी यादव विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे तेजस्वी ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में बिहार की नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला और कई बड़े आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि बिहार की बदहाली के लिए नीतीश कुमार और सुशील मोदी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि-इसबार विधानसभा का शीतकालीन सत्र काफी छोटा है और एनडीए सरकार के लिए मुद्दे काफी ज्यादा है. बिहार की आम जनता कई तरह की समस्याएं झेल रही है, लगातार कई समस्याएं आ रही हैं, लेकिन उनका निदान नहीं हो पा रहा है.
तेजस्वी यादव ने साथ ही नियोजित शिक्षकों के मुद्दे पर कहा कि राजद नियोजित शिक्षकों के साथ है. बेरोजगारी के मुद्दे पर उन्होंने विधानसभा में निकली वैकेंसी के लिए कुछ पदों के लिए लाखों आवेदन आने का मुद्दा उठाया और बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा में चपरासी की बहाली में बीटेक, एमटेक, पीजी की पढ़ाई करने वाले आवेदन दे रहे हैं, यह बेरोजगारी का सबसे बडा उदाहरण है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, चमकी बुखार, अपराध, शिक्षा, इन सभी मुद्दों पर राज्य की नीतीश सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है. यहां सीएम कुछ करने की बजाय जनता की तकलीफों पर या तो खामोश रहते हैं या सिर्फ बात बनाते है.