लोकसभा ने ‘होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक  को मंजूरी दी, कार्यकाल दो साल का होगा

By भाषा | Published: June 27, 2019 07:03 PM2019-06-27T19:03:41+5:302019-06-27T19:03:41+5:30

विधेयक पेश करते हुए श्रीपद नाईक ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि होम्यपैथी कॉलेजों और इसकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो। इसी प्रयास के तहत संशोधन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नये संशोधन के तहत होम्योपैथी केंद्रीय परिषद का कार्यकाल एक साल की बजाय दो साल का होगा।

The Homeopathy Central Council (Amendment) Bill, 2019 passed in Lok Sabha | लोकसभा ने ‘होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक  को मंजूरी दी, कार्यकाल दो साल का होगा

मंत्री ने कहा कि सरकारी संचालन निकाय का गठन किया गया जो काम कर रही है।

Highlightsसरकार आयुष विधाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसी दिशा में पिछले पांच वर्षों से प्रभावी ढंग से काम हो रहा है।भाजपा सांसद अजय भट्ट ने कहा कि आयुर्वेद की तरह होम्योपैथ भी चमत्कारिक है।

लोकसभा ने बृहस्पतिवार को ‘होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक-2019 को मंजूरी दे दी। इसमें होम्योपैथी केंद्रीय परिषद के पुनर्गठन की अवधि मौजूदा एक साल से बढ़ाकर दो साल करने के प्रस्ताव किया गया है। संसद की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून बनने पर संबंधित अध्यादेश का स्थान लेगा।

निचले सदन में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए आयुष मंत्री श्रीपद यशो नाईक ने कहा कि इस संबंध में 2018 में अध्यादेश लाया गया था। यह संशोधन पुराना है। उन्होंने कहा, ‘पहले संशोधन के जरिये एक साल में नयी परिषद गठित करने की बात कही गई थी लेकिन कई राज्यों में परिषद का चुनाव नहीं होने और इस संबंध में रजिस्टर तैयार नहीं होने के कारण हम परिषद एक साल बढ़ाने का प्रावधान कर रहे हैं।’’


उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने इसे लाने की जरूरत के बारे में पूछा, तो हम बताना चाहते हैं कि होम्योपैथी परिषद के शासक मंडल को बर्खास्त किया गया क्योंकि वहां भ्रष्टाचार था। अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले में जेल गए थे । नाईक ने कहा कि देश में कई होम्योपैथी कालेज ऐसे थे जो केवल काजग पर थे और ऐसे ही बच्चों को डिग्री दे रहे थे।

ऐसे में गुणवत्तापूर्ण डाक्टर सुनिश्चित करने के लिये अध्यादेश लाया गया । मंत्री के जवाब के बाद संसद ने अधीर रंजन चौधरी के सांविधिक संकल्प को नामंजूर करते हुए विधेयक को मंजूरी दे दी । 17वीं लोकसभा में निचले सदन में पारित होने वाला यह दूसरा विधेयक है।

इससे पहले विधेयक पेश करते हुए श्रीपद नाईक ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि होम्यपैथी कॉलेजों और इसकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो। इसी प्रयास के तहत संशोधन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नये संशोधन के तहत होम्योपैथी केंद्रीय परिषद का कार्यकाल एक साल की बजाय दो साल का होगा।

मंत्री ने कहा कि सरकारी संचालन निकाय का गठन किया गया जो काम कर रही है। विधेयक पारित होने के बाद नयी परिषद का गठन होगा जिसमें विशेषज्ञ लोगों को जगह दी जाएगी। उन्होंने का कि सरकार आयुष विधाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसी दिशा में पिछले पांच वर्षों से प्रभावी ढंग से काम हो रहा है।

विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि यह सरकार अध्यादेश का इस्तेमाल बैसाखी के रूप में करती है और होम्योपैथी परिषद के संचालन में कमियों को दूर करने की बजाय अध्यादेश का सहारा लिया गया।

उन्होंने कहा कि यह सरकार ‘अध्यादेश की है, अध्यादेश के लिए है और अध्यादेश द्वारा है।’ चौधरी ने कहा कि मंत्री ने इसी सदन में कहा था कि एक साल के भीतर होम्योपैथी परिषद का गठन कर दिया जाएगा, लेकिन नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि देश के सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में होम्योपैथी की सुविधा मुहैया कराई जाए। भाजपा के मनोज राजोरिया ने कहा कि मोदी सरकार पारदर्शिता में विश्वास करती है और जैसे ही पता चला कि होम्योपैथी परिषद में सबकुछ ठीक नहीं है तो वह चीजों को सुधारने के लिए अध्यादेश लाई।

उन्होंने सवाल किया कि जहां भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाया जाता है तो कांग्रेस को बुरा क्यों लगता है? खुद होम्योपैथी विधा से जुड़े राजोरिया ने कहा कि वह चौधरी की इस मांग का समर्थन करते हैं कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष और खासकर होम्योपैथी की सुविधा होनी चाहिए क्योंकि यह विधा गरीबों के लिए है।

तृणमूल कांग्रेस की अपूर्वा पोद्दार ने कहा कि सरकार ‘मेक इन इंडिया’ की बात करती है, लेकिन होम्योपैथी में देशी दवाओं की बजाय जर्मन दवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पश्विम बंगाल में राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान में शिक्षकों की कमी को दूर किया जाए और दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में चल रहे औषधालय में आयुष के चिकित्साकर्मियों की स्थायी नियुक्ति होनी चाहिए। 

बीजद के अनुभव मोहंती ने कहा कि इसमें किए जा रहे संशोधन की वह सराहना करते हैं। उन्होंने ओडिशा के केंद्रपाड़ा में एक होम्पयोपैथी विश्वविद्यालय खोलने का अनुरोध किया। उन्होंने सवाल किया कि परिषद के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई और क्या आगे चल कर इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगेगी।

जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने विधेयक का समर्थन करते हुए बिहार में बिहारशरीफ स्थित एकमात्र होम्योपैथी महाविद्यालय की हाल ही में रद्द कर दी गई मान्यता बहाल करने की भी मांग की। भाजपा सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि कभी-कभी अध्यादेश बहुत जरूरी हो जाता है।

उन्होंने विधेयक में उल्लेख किए गए संचालन मंडल में अनुभवी लोगों को शामिल किए जाने पर जोर दिया। माकपा सदस्य ए एम आरिफ ने चर्चा में भाग लेते हुए होम्योपैथी चिकित्सा सुविधा पर केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे यहां सभी पंचायतों में होम्योपैथी अस्पताल हैं और इसका अनुसरण किया जाना चाहिए।

कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने भी कहा कि केरल में हर पंचायत में होम्योपैथी क्लीनिक हैं। केंद्र सरकार को इस विचार को नीतिगत तौर पर प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि होम्पयोपैथी केंद्रों की जांच के लिए निरीक्षकों की जो टीम बनाई जाए, उसमें विभिन्न कॉलेजों के अध्यापकों को शामिल किया जाए।

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि होम्योपैथी घातक रोगों के इलाज के लिए कहीं ज्यादा कारगर साबित हो सकती है। नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आज के समय में होम्योपैथी संस्थान बहुत ही दयनीय स्थिति में हैं।

उनका उन्नयन किए जाने की जरूरत है। शिवसेना के विनायक भाऊराव राउत ने कहा कि आज भी ग्रामीण इलाकों की डिस्पेंसरी में डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं। होम्योपैथी के चिकित्सक वहां प्राथमिक उपचार मुहैया कर सकते हैं।

भाजपा सांसद अजय भट्ट ने कहा कि आयुर्वेद की तरह होम्योपैथ भी चमत्कारिक है। उन्होंने बद्रीनाथ जाने के रास्ते पड़ने वाले स्थान गरूड़ गंगा के चमत्कारिक पत्थर का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि ये प्रमाणित चीजें हैं और इन्हें बढ़ावा देने से सबको लाभ होगा। भाजपा की प्रज्ञा ठाकुर ने आयुर्वेद एवं होम्यापैथी को एक समान स्तर पर लाने के लिए सरकार से पहल करने की मांग की। 

Web Title: The Homeopathy Central Council (Amendment) Bill, 2019 passed in Lok Sabha

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