गृह मंत्रालय के अफसर ने कहा- राजीव गांधी के हत्यारों को तमिलनाडु के राज्यपाल नहीं दे सकते माफी
By भाषा | Published: September 11, 2018 08:39 PM2018-09-11T20:39:33+5:302018-09-11T20:39:33+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार ने 10 अगस्त, 2018 को सातों दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा था कि उन्हें रिहा करने से एक गलत मिसाल कायम होगी।
नयी दिल्ली, 11 सितंबर: अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के पास राज्य सरकार की सिफारिश के अनुरूप राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे सात दोषियों को रिहा करने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें कानून के तहत केंद्र से विचार विमर्श करना पड़ेगा।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सीबीआई के नेतृत्व वाली एक टीम ने हत्याकांड की जांच की थी, राज्यपाल को सातों दोषियों की सजा माफ करने या कम करने का फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार से विचार विमर्श करना होगा।
तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक सरकार ने रविवार को राज्यपाल से दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी। राज्य के अधिकतर राजनीतिक दलों ने सरकार के इस कदम की सराहना की है।
सीआरपीसी, 1973 की धारा 435 के तहत राज्य सरकार को दोषी की सजा माफ करने या कम करने के लिए केंद्र सरकार से विचार विमर्श करने के बाद ही कार्रवाई करनी होगी।
केंद्र सरकार ने 10 अगस्त, 2018 को सातों दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा था कि उन्हें रिहा करने से एक गलत मिसाल कायम होगी।
उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार राज्य सरकार किसी केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में किसी भी दोषी की सजा माफ नहीं कर सकती। चूंकि इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी इसलिए दोषियों की रिहाई के लिए केंद्र की मंजूरी लेना अनिवार्य है।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपरेंदबूर में आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी। राजीव गांधी की हत्या के लिए तमिल आंतकवादी संगठन लिट्टे से जुड़े आतंकियों को दोषी पाया गया था।