स्वर्णिम विजय मशाल अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के सबसे उत्तरी सिरे तक पहुंची
By भाषा | Updated: August 10, 2021 18:01 IST2021-08-10T18:01:30+5:302021-08-10T18:01:30+5:30

स्वर्णिम विजय मशाल अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के सबसे उत्तरी सिरे तक पहुंची
पोर्ट ब्लेयर, 10 अगस्त भारत-पाकिस्तान के बीच 1970 में हुए युद्ध में भारत की जीत की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर स्वर्णिम विजय मशाल अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के लैंडफॉल आइलैंड पहुंच गई। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।
बयान में कहा गया है कि मशाल सोमवार को दिगलीपुर से लैंडफॉल द्वीप पहुंची।
इससे पहले, अंडमान एवं निकोबार कमान (एएनसी) का संयुक्त सैन्य साइकिल अभियान आठ अगस्त को पोर्ट ब्लेयर से दिगलीपुर पहुंचा था। साइकिल अभियान दल ने पांच दिनों में 350 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की। दिगलीपुर स्टेडियम में भारतीय नौसैन्य जहाज कोहासा के कमांडिंग अधिकारी कैप्टन सतीश मिश्रा ने मशाल प्राप्त की।
बयान में कहा गया है कि भारत के एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी बैरेन आइलैंड और देश के सबसे दक्षिणी बिंदु इंदिरा प्वाइंट तक भी ले जाया जाएगा। मशाल यात्रा का उद्देश्य भारत की विजय और हमारे युद्ध नायकों के बलिदान का संदेश देश के सुदूर इलाकों और तटों तक फैलाना है।
बयान में कहा गया है कि 16 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विजय ज्योति प्रज्ज्वलित करने के साथ 'स्वर्णिम विजय वर्ष' समारोह की शुरुआत हुई। विजय मशाल को पूरे भारत में ले जाया जा रहा है और इसकी यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में स्मारक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।