Mohan Cabinet: चुनाव में जो गेम चेंजर, मोहन कैबिनेट में उन लाड़लियों का पूरा ख्याल

By अनुराग.श्रीवास्तव@लोकमत.इन | Published: December 25, 2023 06:34 PM2023-12-25T18:34:42+5:302023-12-25T18:36:00+5:30

मध्य प्रदेश में आज हुई मोहन कैबिनेट के विस्तार में सब की नज मंत्रिमंडल में शामिल होने वाली लाडली बहनों पर थी । बीजेपी ने विधानसभा में जीत कर पहुंची महिला विधायक को का पूरा ख्याल रखा।

The game changer in elections, full care of those in Mohan cabinet | Mohan Cabinet: चुनाव में जो गेम चेंजर, मोहन कैबिनेट में उन लाड़लियों का पूरा ख्याल

Mohan Cabinet: चुनाव में जो गेम चेंजर, मोहन कैबिनेट में उन लाड़लियों का पूरा ख्याल

Highlightsमोहन कैबिनेट में लाडलियों पर भरोसामोहन मंत्रिमंडल में पांच महिला विधायकों को मिली जगह

मोहन कैबिनेट में लाडली बहना का ख्याल

शिवराज सरकार में जहां महिला मंत्रियों की संख्या तीन थी मोहन सरकार ने इसे बढ़ाकर पांच कर दी। मोहन सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार आज हो गया। 28 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली। लेकिन सबसे दिलचस्प पहलू यह रहा की विधानसभा चुनाव से लेकर नतीजे के बाद तक जिन लाडली बहनों के वोट को लेकर चर्चा थी। उन लाडली बहनों का पूरा ख्याल मोहन कैबिनेट में रखा गया। मोहन मंत्रिमंडल के विस्तार में कुल पांच महिला मंत्रियों को जगह मिली है पिछली सरकार में तीन महिला मंत्री थी लेकिन मोहन सरकार ने इनकी संख्या बढ़कर 5 कर दी। यानी कि पिछली सरकार के मुकाबले दो ज्यादा महिला चेहरे मंत्रिमंडल में नजर आएंगे।  

महिलाओं से जुड़े मामलों को कैबिनेट में उठाने और उनसे जुड़े फैसलों में महिला मंत्रियों का अहम रोल होगा

मोहन कैबिनेट में दो डिप्टी सीएम एक कम और 28 मंत्रियों समेत कुल मंत्रियों की संख्या 31 हो गई है। लेकिन सबसे दिलचस्प रहे मोहन सरकार में शपथ लेने के दौरान दिखने वाले महिला चेहरे। जिन महिला मंत्रियों पर मोहन यादव ने भरोसा जताया है। उनमें पांच महिला विधायक है। ओबीसी कोटे से कृष्णा गौर को राज्य मंत्री बनाया गया है। राधा सिंह और प्रतिमा बांगरी को भी राज्य मंत्री पद मिला है। इसके अलावा बीजेपी के सीनियर लीडर और आदिवासी वर्ग से आने वाली सम्पतिया उईके और निर्मला भूरिया को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है।

संंपतियां उइके राज्यसभा सदस्य और तीन बार मंडला की जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं। 1999 में संपतिया ग्राम टिकरवाड़ा सरपंच का चुनाव जीती। यहीं से उनकी राजनीति में एंट्री हुई।

निर्मला भूरिया पेटलावद विधानसभा सीट से पांचवी बार विधायक बनी हैं।

कृष्ण गौर ओबीसी वर्ग से आती है। भोपाल के गोविंदपुर सीट से जीती कृष्ण गौर के ससुर बाबूलाल गौर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे है

प्नतिमा बांगरी रैगांव से साल 2021 में हुए उप चुनाव में प्रत्याशी बनकर उतरी और हार मिली।  2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जोरदार वापसी की।
राधा सिंह को राजनीति विरासत में मिली है। वर्ष 2008 में सिंगरौली जिला बनने के बाद पहली जिला पंचायत अध्यक्ष  बनी थीं,


 2023 के विधानसभा चुनाव में महिला उम्मीदवारों की संख्या 252 थी महिला वोटरों ने भी बढ़-चढ़कर वोटिंग की थी। महिलाओं ने इस बार के चुनाव में 76.02 फीसदी मतदान किया था और उसके पीछे बड़ी वजह लाडली बहन योजना को माना जा रहा था और यही कारण है कि मोहन सरकार ने महिला विधायकों का पूरा ख्याल रखा और उन्हें कैबिनेट के साथ राज्य मंत्री के भी जिम्मेदारी सौपी।
 

Web Title: The game changer in elections, full care of those in Mohan cabinet

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे