36 में से चार राफेल युद्धक विमान की पहली खेप मई 2020 में प्राप्त होगी: वायुसेना प्रमुख

By भाषा | Updated: October 4, 2019 20:58 IST2019-10-04T20:58:20+5:302019-10-04T20:58:20+5:30

वायुसेना अध्यक्ष बनने के बाद अपनी पहली प्रेस वार्ता में भदौरिया ने कहा कि राफेल विमान और एस-400 एयर डिफेन्स मिसाइल मिलने के बाद भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता बढ़ जाएगी। भारत ने पिछले साल अक्टूबर में रूस से पांच अरब डॉलर में एस-400 मिसाइल प्रणाली का सौदा किया था।

The first batch of four Rafale war planes out of 36 will be received in May 2020: Chief of the Air Force | 36 में से चार राफेल युद्धक विमान की पहली खेप मई 2020 में प्राप्त होगी: वायुसेना प्रमुख

सिंह की यात्रा के बाद मई 2020 में चार विमान भारत को सौंपे जाएंगे।

Highlightsअपाचे युद्धक हेलीकाप्टर और चिनूक मालवाहक हेलीकाप्टर के शामिल होने के कारण पहले ही वायुसेना की दक्षता में वृद्धि हुई है।रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 7 अक्टूबर को फ़्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर राफेल की पहली खेप प्राप्त करने जाएंगे।

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने शुक्रवार को कहा कि 36 में से चार राफेल युद्धक विमान अगले वर्ष मई तक भारत को मिल जायेंगे और इससे देश की सामरिक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

वायुसेना अध्यक्ष बनने के बाद अपनी पहली प्रेस वार्ता में भदौरिया ने कहा कि राफेल विमान और एस-400 एयर डिफेन्स मिसाइल मिलने के बाद भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता बढ़ जाएगी। भारत ने पिछले साल अक्टूबर में रूस से पांच अरब डॉलर में एस-400 मिसाइल प्रणाली का सौदा किया था।

वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि अपाचे युद्धक हेलीकाप्टर और चिनूक मालवाहक हेलीकाप्टर के शामिल होने के कारण पहले ही वायुसेना की दक्षता में वृद्धि हुई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 7 अक्टूबर को फ़्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर राफेल की पहली खेप प्राप्त करने जाएंगे।

सिंह की यात्रा के बाद मई 2020 में चार विमान भारत को सौंपे जाएंगे। भारत ने 2016 में फ़्रांस के साथ 58,000 करोड़ में 36 विमानों का सौदा किया था। वायुसेना प्रमुख ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि गत वर्ष की गयी घोषणा के अनुसार वायुसेना अब अगले 114 राफेल विमान खरीदने पर ध्यान दे रही है।

उन्होंने कहा कि राफेल के लिए सभी तैयारियां कर ली गयी हैं। सूत्रों से पता चला है कि राफेल की पहली स्क्वाड्रन अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात की जाएगी जो भारत पाकिस्तान सीमा पर रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। राफेल की दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हासीमारा बेस पर तैनात की जाएगी।

इस लड़ाकू विमान को भारतीय वायुसेना की जरूरतों के मुताबिक तैयार करने के लिए वायुसेना अधिकारी पहले ही फ़्रांस जाकर राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन के अधिकारियों से मिल चुके हैं। कांग्रेस पार्टी ने राफेल की खरीद पर प्रश्न उठाये थे और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे लेकिन सरकार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।

एयर चीफ मार्शल भदौरिया से राफेल की कीमत के संबंध में किए गए प्रश्न पर उन्होंने कोई भी विवरण देने से मना कर दिया और कहा कि सारी जानकारी भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में दी है। वायुसेना ने राफेल के लिए बेस इत्यादि के निर्माण में 400 करोड़ खर्च किये हैं। 

Web Title: The first batch of four Rafale war planes out of 36 will be received in May 2020: Chief of the Air Force

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