अदालत ने एमनेस्टी इंटरनेशनल के खातों पर रोक की कार्यवाही पर स्थगन आदेश देने से इनकार किया
By भाषा | Updated: May 28, 2021 16:19 IST2021-05-28T16:19:44+5:302021-05-28T16:19:44+5:30

अदालत ने एमनेस्टी इंटरनेशनल के खातों पर रोक की कार्यवाही पर स्थगन आदेश देने से इनकार किया
नयी दिल्ली, 28 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के बैंक खातों से लेनदेन पर अस्थायी रोक लगाने की पुष्टि करने संबंधी कार्यवाही पर स्थगन आदेश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। हालांकि अदालत ने कहा कि इस मामले में, जो भी अंतिम आदेश आएगा, उसे अदालत की अनुमति के बगैर लागू नहीं किया जा सकता।
याचिका में कहा गया था कि बीते वर्ष 26 नवंबर को दिया गया ‘लेनेदेन पर रोक लगाने संबंधी आदेश (पीएओ)’ महज 180 दिन के लिए ही वैध था और उक्त अवधि 25 मई को समाप्त हो गई। चूंकि धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आने वाले किसी न्यायिक प्राधिकार ने इसकी पुष्टि नहीं की अत: इसे प्रभावी नहीं माना जा सकता।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने इस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर उसका जवाब मांगा है।
सुनवाई शुरू होते ही अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह वैश्विक मानवाधिकार निगरानी संस्था एमनेस्टी की ईडी के नवंबर 2020 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर स्थगन का कोई अंतरिम आदेश नहीं देगी।
याचिका में संस्था के बैंक खातों और सावधि जमा के लेनदेन पर रोक के ईडी के आदेश को चुनौती दी गई है।
हालांकि अदालत ने कहा कि न्यायिक प्राधिकार द्वारा दिया गया कोई भी अंतिम आदेश अदालत की मंजूरी के बगैर प्रभावी नहीं होगा।
पीएमएलए के तहत न्यायिक प्राधिकार द्वारा 180 दिन के भीतर पीएओ की पुष्टि करना आवश्यक होता है।
ईडी में दर्ज धनशोधन का यह मामला एमनेस्टी की विभिन्न संस्थाओं के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर तैयार किया गया है।
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