अदालत ने कथित क्रूरता के चलते कब्जे में लिए गए कुत्तों को वापस मालिक को सौंपा
By भाषा | Published: March 3, 2021 05:29 PM2021-03-03T17:29:52+5:302021-03-03T17:29:52+5:30
(उदयन किशोर)
नयी दिल्ली, तीन मार्च दिल्ली की एक अदालत ने कथित तौर पर क्रूरता के चलते कब्जे में लिए गए दो गोल्डन रिट्रीवर कुत्तों को उनके मालिक को वापस सौंपने के निर्देश दिए और कहा '' उसके पालतू जानवरों को उसकी अभिरक्षा और उसके साथ से वंचित रखना अनुचित होगा।''
एक गैर सरकारी संगठन पीपल फॉर एनीमल ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर लव और कुश नाम के इन कुत्तों को उनके उद्योगपति मालिक से अपने कब्जे में लिया था। यह गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) मेनका गांधी द्वारा स्थापित किया गया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल अंतिल ने पुलिस द्वारा मालिक के फिरोजशाह रोड स्थित आवास पर कुत्तों की देखरेख से संबंधित रिपार्ट का संज्ञान लेते हुए और उनके पशुओं के डॉक्टर की सलाह के बाद यह आदेश पारित किया। डॉक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश हुए।
हालांकि, न्यायाधीश ने उद्योगपति आनंद कुमार मोहता को इस मामले की सुनवाई के दौरान आवश्यकता पड़ने पर दोनों कुत्तों को अदालत एवं पुलिस के समक्ष पेश करने के निर्देश भी दिए।
मोहता की ओर से पेश वकील तरुण राणा द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर अदालत ने यह निर्देश दिए। याचिका में मजिस्ट्रेट अदालत के उस फैसले को चुनाती दी गई थी, जिसमें कुत्तों को वापस उनके मालिक को नहीं सौंपने के आदेश दिए गए थे।
एनजीओ ने मोहता पर पालतू जानवरों के साथ क्रूर व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए 30 जनवरी को कुत्तों को अपने कब्जे में ले लिया था।
एनजीओ ने कहा कि छापेमारी के दौरान कुत्तों को तेज बुखार और उनकी आंखों में सूजन पाई गई। बाद में एक सरकारी अस्पताल में पशुओं के डॉक्टर ने पाया कि दोनों कुत्ते परवो वायरस से पीड़ित हैं।
यह भी दावा किया गया कि दोनों जानवरों को बिना निगरानी के छोड़ दिया गया था और आरोपी उनकी कथित तौर पर ठीक तरह से देखभाल नहीं करता।
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