अदालत ने केंद्र से पूछा; दिव्यांग जन अधिनियम के तहत दिव्यांगों को पेट्रोल पंप आवंटित किया गया या नहीं
By भाषा | Published: April 15, 2021 01:01 PM2021-04-15T13:01:06+5:302021-04-15T13:01:06+5:30
नयी दिल्ली, 15 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से बृहस्पतिवार को पूछा कि दिव्यांग जनों के अधिकार अधिनियम, 2016 के अनुरूप दिव्यांग व्यक्तियों को पेट्रोल पंप आवंटित किए गए या नहीं।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने एक याचिका पर पेट्रोलियम मंत्रालय और सामाजिक न्याय मंत्रालय तथा सरकारी तेल कंपनी हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को नोटिस जारी किये। इस याचिका में 2016 के उक्त अधिनियम के अनुरूप पेट्रोल पंपों या डीलरशिप के आवंटन में दिव्यांग व्यक्तियों को आरक्षण देने का अनुरोध किया गया था।
75 फीसदी तक दृष्टिबाधित महिला की ओर से दायर याचिका में दलील दी गई कि डीलरशिप के आवंटन के लिए एचपीसीएल अब भी पुराने निरस्त किए गए 1995 के दिव्यांग जन अधिनियम का पालन कर रहा है।
अधिवक्ता संजय कुमार सिंह के माध्यम से दायर याचिका में महिला ने दिव्यांग जन कानून, 2016 के तहत गठित मुख्य आयुक्त कार्यालय के दिसंबर 2020 के आदेश को चुनौती दी है जिसे एचपीसीएल के नवंबर 2018 के विज्ञापन में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए इंगित खुदरा दुकानों के आवंटन के तरीके या कंपनी की योजना में कोई खामी नहीं दिखी।
याचिका में दावा किया गया कि आवंटन योजना में कोई खामी नहीं पाते हुए मुख्य आयुक्त ने निरस्त कानून के आधार पर बताने की बजाय एसचीपीएल को 2016 के कानून के अनुरूप अपनी नीति में सुधार करने को कहा।
याचिका में 2018 के विज्ञापन के आधार पर किए गए आवंटन रद्द करने का भी अनुरोध किया है क्योंकि यह पुराने कानून के आधार पर हुआ है।
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