अदालत ने जैन मंदिरों को उपवास रखने वालों को भोजन डिलीवर करने की अनुमति दी

By भाषा | Published: April 16, 2021 04:36 PM2021-04-16T16:36:04+5:302021-04-16T16:36:04+5:30

The court allowed Jain temples to deliver food to those who fast. | अदालत ने जैन मंदिरों को उपवास रखने वालों को भोजन डिलीवर करने की अनुमति दी

अदालत ने जैन मंदिरों को उपवास रखने वालों को भोजन डिलीवर करने की अनुमति दी

मुंबई, 16 अप्रैल बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई की 58 और पुणे तथा नासिक के तीन जैन मंदिरों को वार्षिक नौ दिन के उपवास अयंबिल ओली टैप के दौरान ग्रहण किये जाने वाला विशेष भोजन लोगों के घरों पर पहुंचाने की अनुमति शुक्रवार को दे दी है।

न्यायमूर्ति एस. सी. गुप्ते और न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि किसी भी सूरत में किसी भी श्रद्धालु को उपवास के दिनों में मंदिर जाने की अनुमति नहीं होगी। उपवास का यह कार्यक्रम 19 अप्रैल से शुरू होकर 27 अप्रैल तक चलेगा।

पीठ दो जैन ट्रस्ट द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जो मुंबई के 58 जैन मंदिरों का प्रबंधन करते हैं। याचिकाओं में अनुरोध किया गया था कि समुदाय के सदस्यों को उपवास के दौरान खाये जाने वाले उबले भोजन का डिब्बा ट्रस्ट परिसर से लेकर जाने की अनुमति दी जाए।

ट्रस्टों के अधिवक्ता प्रफुल्ल शाह ने दलील दी कि वे मंदिरों या भोजन कक्षों को लोगों के लिए खोलने या लोगों से वहां आकर भोजन करने को नहीं कह रहे हैं, सिर्फ लोगों से अपना भोजन का डिब्बा लेकर जाने को कह रहे हैं।

सरकार की वकील ज्योति चव्हाण ने याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि भोजन का डिब्बा लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है क्योंकि इससे मंदिरों में भीड़ लग सकती है।

पीठ ने बृहस्पतिवार को सलाह दी थी कि उपवास का भोजन स्वयंसेवकों की मदद से लोगों के घरों पर डिलीवर किया जा सकता है।

याचिका दायर करने वाले और सरकार दोनों इस सलाह पर सहमत हुए।

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Web Title: The court allowed Jain temples to deliver food to those who fast.

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