पहले चरण में कोरोना टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी: मोदी

By भाषा | Updated: January 11, 2021 21:00 IST2021-01-11T21:00:24+5:302021-01-11T21:00:24+5:30

The central government will bear the cost of corona vaccination in the first phase: Modi | पहले चरण में कोरोना टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी: मोदी

पहले चरण में कोरोना टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी: मोदी

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को घोषणा की है कि कोरोना टीकाकरण अभियान के पहले चरण में तीन करोड़ लोगों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इस चरण में जनप्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया जाएगा।

आगामी 16 जनवरी से आरंभ हो रहे देशव्यापी टीकाकरण अभियान के पहले प्रधानमंत्री ने आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद किया और कहा कि कोविड-19 के लिए टीकाकरण पिछले तीन-चार हफ्तों से लगभग 50 देशों में चल रहा है और अब तक केवल ढाई करोड़ लोगों को टीके लगाए गए हैं जबकि भारत का लक्ष्य अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाना है।

मोदी ने यह भी कहा कि देश में तैयार कोरोना के दोनों टीके दुनिया के अन्य टीकों के मुकाबले किफायती हैं और उन्हें देश की स्थितियों व परिस्थितियों के अनुरूप निर्मित किया गया है।

टीकों को लेकर उठ रहे सवालों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने भरोसा दिया कि देशवासियों को ‘‘प्रभावी’’ वैक्सीन देने के लिए वैज्ञानिक समुदाय ने ‘‘सभी सावधानियां’’ बरती हैं।

उन्होंने कहा कि देश अब कोरोना के खिलाफ जंग के निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है।

ज्ञात हो कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ को देश में सीमित आपात इस्तेमाल के लिये भारत के औषधि नियामक की ओर से पिछले दिनों मंजूरी दी गई थी।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच संवाद और सहयोग ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है और यह सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि जितनी घबराहट और चिंता सात-आठ महीने पहले देशवासियों में थी, उससे वह अब बाहर निकल चुके हैं। उन्होंने इसे देश के लिए ‘‘अच्छी स्थिति’’ बताया और सचेत किया कि इसके बावजूद लापरवाही नहीं बरतनी है।

उन्होंने कहा, ‘‘देशवासियों में बढ़ते विश्वास का प्रभाव आर्थिक गतिविधियों पर भी सकारात्मक रूप से दिखाई दे रहा है। अब हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है। यह चरण है टीकाकरण का। 16 जनवरी से हम दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरु कर रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लिए गर्व की बात है कि जिन दो टीकों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है, वे दोनों ही ‘‘मेड इन इंडिया’’ हैं।

उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, चार और टीकों पर काम हो रहा है । जब ये टीके आ जाएंगे तो हमें भविष्य की योजना बनाने में और सुविधा होगी।

मोदी ने कहा कि देशवासियों को एक प्रभावी वैक्सीन देने के लिए विशेषज्ञों ने हर प्रकार की सावधानियां बरती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी दोनों वैक्सीन दुनिया की दूसरी वैकसीन से ज्यादा किफायती हैं। हम कल्पना कर सकते हैं कि भारत को कोरोना के टीके के लिए विदेशी वैक्सीन पर निर्भर रहना पड़ता तो हमारी क्या हालत होती। कितनी बड़ी मुश्किल होती है हम उसका अंदाज लगा सकते हैं। यह वैक्सीन भारत की स्थितियां और परिस्थितियों को देखते हुए निर्मित की गई हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत में अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन मिलेगी और टीकाकरण के लिए राज्यों के साथ सलाह के बाद प्राथमिकताएं भी तय कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले कोरोना योद्धाओं का टीकाकरण होगा और उसके बाद अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों को कोरोना का टीका लगेगा।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पहले चिह्नित तीन करोड़ लोगों के टीकाकरण में जो खर्च होगा उसे राज्यों को नहीं वहन करना है, बल्कि वह भारत सरकार वहन करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने बड़े देश में लगभग सभी जिलों में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया गया, वह देश की क्षमता को दिखाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में पहले से भी यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम चल रहे हैं, उन अनुभवों को इस टीकाकरण अभियान के साथ जोड़ा गया है। चुनाव में जिस तरह बूथ स्तर की रणनीति हमने बनाई है, उसका अनुभव यहां भी काम आएगा।’’

उन्होंने कहा कि कुछ देशों द्वारा टीकाकरण शुरू कर दिए जाने के बाद यह सवाल उठाए गए कि भारत में क्यों देरी हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने हमेशा कहा है कि इस विषय पर साइंटिफिक कम्युनिटी जो कहेगी, वही हम करेंगे, उसी को हम फाइनल मानेंगे और उसी प्रकार चलते रहेंगे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के टीकाकरण अभियान पर दुनिया की नजरें टिकी हैं और अनेक देश उसका अनुसरण भी करेंगे। ऐसे में भारत की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा कि दुनिया के लगभग 50 देशों में लगभग एक महीने से टीकाकरण का काम चल रहा है लेकिन अब तक करीब ढाई करोड़ लोगों का ही टीकाकरण हो पाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब भारत में हमें अगले कुछ महीनों में लगभग 30 करोड़ आबादी का टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करना है। इस चुनौती का पूर्वानुमान लगाते हुए भारत ने बहुत व्यापक तैयारियां की है। अगर किसी को कुछ असहजता होती है तो उसके लिए भी जरूरी प्रबंध किए गए हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के इस संकट काल में सभी राज्यों ने एकजुट होकर काम किया और इस दौरान संवेदनशीलता के साथ बड़े फैसले भी किए गए और जरूरी संसाधन भी जुटाए गए तथा साथ ही जनता को लगातार जागरूक भी करते रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘आज इसी का परिणाम है कि भारत में कोरोना का संक्रमण वैसा नहीं है जैसा दुनिया के अन्य देशों में हमने देखा है।’’

प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से टीकाकरण के दौरान अफवाहें न फैले, इसे सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश के भीतर और बाहर कुछ स्‍वार्थी लोग अफवाहों को हवा देने का काम कर सकते हैं।

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में देश में कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति और टीकाकरण के मद्देनजर राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की तैयारियों का जायजा लिया था। इसके बाद फैसला हुआ कि देश में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान आरंभ किया जाएगा।

सबसे पहले करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों एवं अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों के बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के करीब 27 करोड़ व्यक्तियों और अन्य बीमारियों से ग्रसित 50 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाएगा।

हाल के दिनों में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बहुत कमी आई है। पूरे विश्व में कोरोना संक्रमण के मामलों में भारत अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। अमेरिका में अब तक दो करोड़ से अधिक मामले आ चुके हैं जो कि भारत से लगभग दो गुना अधिक है। अमेरिका में अब तक कोरोना से 3.7 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत इस मामले में ब्राजील के बाद तीसरे नम्बर पर है।

हालांकि, संक्रमण से ठीक होने की दर के मामले में भारत पहले नंबर पर है।

भारत में कोरोना का पहला मामला पिछले साल जनवरी में केरल में दर्ज किया गया था।

पिछले ही साल दिसंबर में ब्रिटेन ने सबसे पहले कोरोना के टीकाकरण की शुरुआत की थी। इसके बाद अमेरिका, बेलारूस, अर्जेंटीना सहित कई अन्य देशों में भी टीकाकरण की शुरुआत हुई।

भारत में टीकाकरण अभियान के लिए 2360 लोगों को राष्ट्रीय स्‍तर के प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें राज्‍य टीकाकरण अधिकारी, प्रशीतन श्रृंखला अधिकारी, आईईसी अधिकारी तथा अन्‍य भागीदार शामिल हैं। इसके अलावा 61 हजार से ज्‍यादा कार्यक्रम प्रबंधन, दो लाख टीकाकरण कर्मी तथा तीन लाख 70 हजार अन्‍य कर्मियों को राज्‍य, जिला और खण्‍ड स्‍तर पर प्रशिक्षित किया जा चुका है।

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