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केन्द्र सरकार ने अटल प्रोग्रेस-वे परियोजना को भारत माला फेज-1 में शामिल किया

By भाषा | Updated: August 19, 2021 22:59 IST

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केंद्र सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश की महत्वाकांक्षी अटल प्रोग्रेस-वे परियोजना को भारत माला फेज-1 में शामिल करने की स्वीकृति जारी की। मध्य प्रदेश लोकनिर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मण्डलोई ने बताया कि चंबल संभाग के भिण्ड मुरैना एवं श्योपुर जिलों से होते हुए यह पूर्णतः नया एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश में 404 किलोमीटर लंबाई का होगा, जो पूर्व में झाँसी (उत्तर प्रदेश) से तथा पश्चिम में कोटा (राजस्थान) से जोड़ते हुए निर्मित किया जायेगा। इसी बीच, मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रदेश के मख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अटल प्रोग्रेस-वे के भारतमाला फेज-1 में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी का आभार जताया है। चौहान ने कहा, ‘‘अटल प्रोग्रेस-वे ग्वालियर-चबंल संभाग के विकास की जीवन रेखा साबित होगी। इस 404 किलोमीटर लंबाई के एक्सप्रसे-वे के आसपास इंडस्ट्रियल कोरिडोर का निर्माण कराया जायेगा, जो क्षेत्र के आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी।’’ विज्ञप्ति के अनुसार इस मार्ग के निर्माण से झाँसी (उत्तर प्रदेश) से कोटा (राजस्थान) का एक प्रमुख नया मार्ग जुड़ेगा, जो मध्य प्रदेश के तीन जिलों को लाभान्वित करेगा। इन दोनों बिन्दुओं की दूरी में भी लगभग 50 किलोमीटर की बचत होगी। इस एक्सप्रेस-वे के बनने में आवागमन में लगने वाला 11 घंटे का समय घटकर 6 घंटे तक हो जायेगा। इसमें कहा गया है कि चंबल नदी के किनारे-किनारे बनाये जाने वाले इस नये एक्सप्रेस-वे में मध्य प्रदेश शासन ने औद्योगिक, व्यावसायिक एवं विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में निवेश आमंत्रित करने के लिये अग्रिम तैयारी की है। एक्सप्रेस-वे में लगने वाली समस्त भूमि राज्य शासन द्वारा अपने व्यय पर उपलब्ध कराई जा रही है। इस परियोजना पर लगभग 7000 करोड़ रूपये का व्यय संभावित है। इस एक्सप्रेस-वे को सात विभिन्न पैकेजों के माध्यम से बनाये जाने की तैयारी है। मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि इस परियोजना की निविदाएँ अब अतिशीघ्र जारी की जा सकेंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इस परियोजना में ली गई सतत रूचि एवं समीक्षा बैठकों को श्रेय देते हुए बताया कि पहली बार इतनी महत्वाकांक्षी एवं पूर्णतः नये सिर से बनाये जाने वाली परियोजना की परिकल्पना, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) निर्माण और भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्ति तक की जाने वाली कार्यवाही इतने कम समय में संभव हो पाई है। इस परियोजना का निर्माण एनएचएआई द्वारा किया जायेगा। अटल प्रोग्रेस-वे के लिये राज्य शासन द्वारा रिकार्ड 4 महीने में डीपीआर बनाकर भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत की गई। लगभग 1500 हेक्टेयर शासकीय भूमि का हस्तातरण भी रिकॉर्ड समय में पूर्ण करके राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय (एनएचएआई) को आधिपत्य दिया जा चुका है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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