बीजेपी का हमला- कानून बनाने में संसद के अधिक समय का इस्तेमाल करने पर विपक्ष की आपत्ति हैरान करने वाली
By भाषा | Published: July 28, 2019 06:11 PM2019-07-28T18:11:21+5:302019-07-28T18:11:59+5:30
विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि कानून बनाने में संसद के अधिक समय का इस्तेमाल करने पर वे आपत्ति जता रहे हैं।
भाजपा ने रविवार को विपक्ष के उस दावे को खारिज किया जिसमें कहा गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार संसदीय समितियों की जांच-पड़ताल के बगैर ही विधेयकों को पारित करा रही है। भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि राजग सरकार ने 2014-19 के बीच 17 मसौदा कानूनों को राज्यसभा में इन समितियों के पास भेजा जबकि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में 2009-14 के दौरान सिर्फ पांच विधेयकों को ही भेजा गया।
विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि कानून बनाने में संसद के अधिक समय का इस्तेमाल करने पर वे आपत्ति जता रहे हैं। यादव राज्यसभा में भाजपा का महत्वपूर्ण चेहरा हैं। यादव ने एक बयान में कहा कि उन्हें इस तथ्य से समस्या है कि संसद ने अपने उत्पादक घंटों को बढ़ा दिया है और पहले से कहीं बेहतर काम हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर सदन ने बेहतर प्रदर्शन किया है, अधिक कानून बनाए हैं और उनमें अधिक जरूरी बदलाव किये हैं तो इसपर उनकी आपत्ति को समझना मुश्किल है। हाल में 17 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि सरकार ने संसदीय समितियों की जांच- पड़ताल के बगैर विभिन्न विधेयकों को जल्दबाजी में पारित कराया।
यह मुद्दा तब उठा जब कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों समेत अन्य दलों के जोरदार विरोध के बावजूद सत्ता पक्ष राज्यसभा में कई क्षेत्रीय दलों के समर्थन से आरटीआई विधेयक को पारित कराने में सफल रहा। यादव ने कहा कि विधेयकों की संसदीय समितियां सही तरीके से जांच-पड़ताल नहीं कर रही हैं, यह आरोप बिल्कुल गलत है।