Pahalgam Attack: आतंकियों ने जानबूझकर 22 अप्रैल को किया हमला, अन्य जगहों पर भी हमले का था प्लान: सूत्र
By अंजली चौहान | Updated: May 1, 2025 12:05 IST2025-05-01T12:00:31+5:302025-05-01T12:05:49+5:30
Pahalgam Attack: पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ जिसमें 26 लोगों की जान चली गई

Pahalgam Attack: आतंकियों ने जानबूझकर 22 अप्रैल को किया हमला, अन्य जगहों पर भी हमले का था प्लान: सूत्र
Pahalgam Attack: दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले में नया खुलासा हुआ है। आतंकवादियों ने पहलगाम के तीन अन्य स्थानों पर हमले की योजना बनाई थी लेकिन बाद में दोनों क्षेत्रों में भारी सुरक्षा उपस्थिति के कारण बैसरन मैदानी इलाकों में पर्यटकों पर हमला करने का फैसला किया।
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमलों की योजना मंगलवार को बनाई गई थी, क्योंकि हिंदू धर्म में इस दिन का धार्मिक महत्व है। सूत्रों ने कहा कि शुरुआती योजना का हिस्सा दो अन्य स्थान पहलगाम में अरु घाटी और बेताब घाटी थे।
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट में बताया गया कि आतंकवादियों ने जानबूझकर 22 अप्रैल - मंगलवार - को चुना था, क्योंकि हिंदू धर्म में इस दिन का धार्मिक महत्व है। उन्होंने कहा कि दूसरा कारण यह था कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भी मंगलवार को शुरू हुई थी।
उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन पहलगाम के मैदानी इलाकों में आतंकवादियों ने छब्बीस लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह नरसंहार "सांप्रदायिक संदेश" भेजने की रणनीति का हिस्सा था।
ऑपरेशन में शामिल हमलावरों ने अपने साथियों के साथ मिलकर बैसरन घाटी में पर्यटकों के आने-जाने पर नियमित रूप से नज़र रखी। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने पर्यटकों की गतिविधियों का अध्ययन करने की कोशिश की, जिसमें घास के मैदानों में उनका ठहरना भी शामिल था।
रिपोर्ट में कहा, "आतंकवादियों ने अधिकतम मौतें करने की अपनी योजना के तहत घटनास्थल पर सबसे ज़्यादा भीड़भाड़ वाले समय का अध्ययन करने की भी कोशिश की।"
रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में आतंकवादियों को 18 अप्रैल को हमला करने के लिए कहा गया था, लेकिन हिंदुओं के लिए इसके धार्मिक महत्व के कारण हमले को 22 अप्रैल - मंगलवार - के लिए टाल दिया गया।
सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों की पहचान की है। उनमें से दो - लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफ़िज़ सईद और उनके डिप्टी सैफ़ुल्लाह कसूरी - पाकिस्तान में हैं, और तीसरा, हाशिम मूसा, दक्षिण कश्मीर के जंगलों में छिपा हुआ माना जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, हाशिम मूसा पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप में पैरा-कमांडो के तौर पर काम कर चुका है। बाद में वह लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया और तब से कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। बताया जा रहा है कि वह 2023 में भारत में घुसने वाला है।