लाइव न्यूज़ :

अस्थायी विकलांगता पीडब्ल्यूडी कानून के तहत आरक्षण के लिए अयोग्यता नहीं: उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: December 1, 2021 21:58 IST

Open in App

नयी दिल्ली, एक दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि अस्थायी विकलांगता दिव्यांगजन अधिकार कानून 2016 के तहत आरक्षण का लाभ उठाने के लिए एक अयोग्यता नहीं है। अदालत ने एक उम्मीदवार के दाखिले को रद्द करने के फैसले को खारिज कर दिया जो दृष्टिहीनता से पीड़ित है, लेकिन उसमें सुधार की संभावना है।

न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर में दाखिले का अनुरोध करने वाले एक उम्मीदवार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि दिव्यांगजन अधिकार (पीडब्ल्यूडी) कानून दिव्यांगों (पीडब्ल्यूडी) के लाभ के लिए सामाजिक कानून है और इसमें प्रथमदृष्टया अस्थायी और स्थायी दिव्यांगता में भेद नहीं है।

न्यायमूर्ति ने कहा कि दाखिला प्राधिकार का निर्णय एक ‘‘अनुचित प्रतिबंधात्मक व्याख्या’’ है जो कानून के उद्देश्य के अनुरूप नहीं है।

अदालत ने 29 नवंबर को पारित अपने आदेश में कहा ‘‘यह ध्यान दिया जा सकता है कि (पीडब्ल्यूडी) कानून में ‘पीडब्ल्यूडी’, ‘पीडब्ल्यूबीडी’ (बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्ति) और ‘निर्दिष्ट अक्षमता’ की परिभाषा अस्थायी और स्थायी दिव्यांगता के बीच अंतर नहीं करती है।

वर्तमान मामले में ‘केराटोकोनस’ (दृष्टिहीनता) से पीड़ित याचिकाकर्ता, ने दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर पीडब्ल्यूडी श्रेणी में दाखिले के लिए आवेदन किया था, जिसमें दर्ज किया गया था कि उसकी दोनों आंखों से संबंधित 40 प्रतिशत अस्थायी दिव्यांगता है। प्रमाण पत्र में कहा गया कि याचिकाकर्ता की स्थिति में ‘‘सुधार की संभावना’’ है। इस वजह से उसकी उम्मीदवारी को अंततः खारिज कर दिया गया था।

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ‘‘निर्विवाद रूप से एक पीडब्ल्यूबीडी’’ है और ‘‘कानून की अनुसूची भी निर्दिष्ट अक्षमताओं की गणना करते समय, दृष्टिहीनता के संदर्भ में स्थायी और अस्थायी के बीच भेद नहीं करती है।

अपने फैसले का बचाव करते हुए संस्थान ने दलील दी थी कि कानून के तहत निर्दिष्ट दिव्यांगता की सीमा का आकलन करने के लिए दिशा-निर्देशों के खंड 19.2 के लिए प्रमाणित होने को लेकर विकलांगता का स्थायी होना आवश्यक है और चूंकि याचिकाकर्ता की स्थिति में सुधार होने की संभावना है इसलिए वह आरक्षण के लाभ के हकदार नहीं है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटसबसे आगे विराट कोहली, 20 बार प्लेयर ऑफ़ द सीरीज पुरस्कार, देखिए लिस्ट में किसे पीछे छोड़ा

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्रिकेटYashasvi Jaiswal maiden century: टेस्ट, टी20 और वनडे में शतक लगाने वाले छठे भारतीय, 111 गेंद में 100 रन

क्रिकेटVIRAT KOHLI IND vs SA 3rd ODI: 3 मैच, 258 गेंद, 305 रन, 12 छक्के और 24 चौके, रांची, रायपुर और विशाखापत्तनम में किंग विराट कोहली का बल्ला

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत