बिहार विधानसभा में नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सूबे में हर दिन औसतन 50 हत्याए हो रही हैं. लेकिन, बिहार में सरकार और पुलिस ने कानून व्यवस्था पर पूरी तरह से अपना इकबाल गंवा दिया है. हालात ये हैं कि पुलिस का एकमात्र कार्य सत्तारूढ़ दलों की घृणित राजनीति के प्यादे के रूप में अपनी उपयोगिता सिद्ध करना रह गया है.
अपने बयान में तेजस्वी यादव ने कहा है कि सुशासन का प्रशासन सत्ता के हनक और सनक के सामने अपने कर्तव्यनिष्ठा को सरेंडर कर चुका है. अफसर सत्तारूढ़ नेताओं की गाड़ियों में घूम रहे हैं और अपराधी सरकारी गाड़ियों में.
उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री पुलिसकर्मियों के हत्यारों को, बलात्कारियों को और शराब माफियाओं को अपने घर के अंदर तक का एंट्री पास देते हैं. ऐसे में पुलिस बल का क्या मनोबल रह जाएगा? तेजस्वी ने कहा है कि बिहारवासियों का हर दिन अपराध और अपराधियों के बीच सहमते गुजर रहा है. सत्तारूढ़ दल के के नेता-कार्यकर्ता पुलिस का स्टिकर चिपका कर पार्टी का झंडा लगाकर शराब की तस्करी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल के मंत्री मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड में लिप्त हैं. सत्तारूढ़ दल के नेता 30 बच्चों को अपनी कार से कुचल देता है. तेजस्वी यादव ने कहा कि लूटपाट और छेड़छाड़ का विरोध करने पर व्यापारियों और महिलाओं को गोलियों से छलनी किया जा रहा है. वहीं, ब्यूरो चीफ नीतीश कुमार अपनी मीडिया की एडिटिंग के भरोसे बेफिक्र हैं कि जनता को सच्चाई का पता नहीं चलेगा.
तेजस्वी यादव ने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री से अपराध काबू नहीं हो पा रहा और कुछ नैतिकता बची है तो तुरंत अपने पद से इस्तीफा देकर सूबे की जनता को अपनी सिद्धांतविहीन राजनीति और सत्ता संरक्षण में पनपते अपराध से निजात दिलाएं.