'हिम्मत है तो गिरफ्तार करो', किसानों के समर्थन में प्रदर्शन पर FIR हुई तो भड़के तेजस्वी यादव
By एस पी सिन्हा | Updated: December 6, 2020 20:40 IST2020-12-06T20:36:53+5:302020-12-06T20:40:34+5:30
तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार की कायर व निकम्मी सरकार ने प्राथमिकी दर्ज की है. अगर अगर उसमें दम हो तो गिरफ्तार करे. तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार को ललकारते हुए कहा कि ‘’डरपोक और बंधक मुख्यमंत्री की अगुवाई में चल रही बिहार की कायर और निक्कमी सरकार ने किसानों के पक्ष में आवाज उठाने के जुर्म में हम पर प्राथमिकी दर्ज की है.

'हिम्मत है तो गिरफ्तार करो', किसानों के समर्थन में प्रदर्शन पर FIR हुई तो भड़के तेजस्वी यादव
पटना: कोरोना संक्रमण के काल में किसान आंदोलन के दौरान धरना-प्रदर्शन व जनसभा राजद नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को महंगा पड़ा है. कृषि बिल के विरोध में गांधी मैदान के बाहर धरना देने पर पटना पुलिस ने तेजस्वी यादव व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मनद मोहन झा सहित आंदेालन में शामिल 18 प्रमुख नेताओं के खिलाफ महामारी कानून सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज किया है. जिसके बाद तेजस्वी यादव ने सरकार पर पलटवार किया है.
तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार की कायर व निकम्मी सरकार ने प्राथमिकी दर्ज की है. अगर अगर उसमें दम हो तो गिरफ्तार करे. तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार को ललकारते हुए कहा कि ‘’डरपोक और बंधक मुख्यमंत्री की अगुवाई में चल रही बिहार की कायर और निक्कमी सरकार ने किसानों के पक्ष में आवाज उठाने के जुर्म में हम पर प्राथमिकी दर्ज की है. दम है तो गिरफ्तार करो, अगर नहीं करोगे तो इंतजार बाद स्वयं गिरफ्तारी दूंगा. किसानों के लिए प्राथमिकी क्या अगर फांसी भी देना है तो दे दिजीए.’’ यहां उल्लेखनीय है कि कृषि बिल के खिलाफ बिना अनुमति गांधी मैदान के अंदर घुसकर भीड को संबोधित करने और कोविड नियम तोडने के आरोप में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता मदन मोहन झा समेत 18 प्रमुख नेताओं के ऊपर प्राथमिकी दर्ज किया गया है. मजिस्ट्रेट और श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजीव दत्त वर्मा की ओर से यह कार्रवाई किया गया है.
इसमें विधायक आलोक मेहता, रामानंद यादव, पूर्व मंत्री श्याम रजक, रमई राम, पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव, मृत्युंजय तिवारी, अनिल कुमार, रामबली यादव, सुबोध कुमार यादव, उमिर्ला ठाकुर, अनिता देवी, कांग्रेस नेता मदन मोहन झा, अनिल शर्मा, केडी यादव, चंदेश्वर सिंह, रामनरेश पांडेय के नाम शामिल हैं. बताया जा रहा है कि आईपीसी की धारा 188, 145, 269, 279 और 3 एपेडेमिक डिजीज एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद जदयू विधान पार्षद और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने हमला बोला है. नीरज कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'दफा 420 के आरोपी को जेहन में संजो लेना चाहिए यह झारखंड नहीं, जहां गबन के सजायाफ्ता को बंगले के सुख से नवाजा जाता है यह बिहार है. यहां कानून की नजर में सब समान हैं. वैसे आपको तो कोर्ट में दंडवत होने का सुख प्राप्त है ही हत्या, फ्रॉड तक के आरोपी हैं फिर बेचैनी काहे ?' एक और ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि 'कानून उल्लंघन तो फितरत हो गई है दागी और उनके कुनबे की घोटाला और जेल प्रवास तो जैसे वंशानुगत गुण हों पितागबन के आरोप में सजायाफ्ता हो होटवार में कैद और खुद पटियाला कोर्ट में दंडवत फिर भी नियमों की धज्जियां उडाने को बेताब खैर कानून तो अपना काम करेगा ही.'