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लालू के लाल तेज प्रताप पड़ सकते हैं मुश्किल में, ऐश्वर्या राय का परिवार भी उठा रहा है ये कदम

By एस पी सिन्हा | Updated: November 29, 2018 18:48 IST

तेजप्रताप फिलहाल महुआ सीट से राजद के विधायक हैं, लेकिन संगठन को उनके छोटे भाई तेजस्वी ही चला रहे हैं। तेज प्रताप भी सार्वजनिक मंच से कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि उनके छोटे भाई ही पार्टी को संभाल रहे हैं।

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लालू के "लाल" अर्थात तेज प्रताप अपनी जिद पर अड़े हैं। गुरुवार (29 नवंबर) कोर्ट में तेज प्रताप के वकील ने अदालत में दायर तलाकनामे की अर्जी पर बहस की। कोर्ट ने आगामी 8 जनवरी को ऐश्वर्या राय को न्यायालय में अपना पक्ष रखने की तिथि मुकर्रर की है। लेकिन, जानकारों का मानना है कि अगर ऐश्वर्या राय अपनी रूख कडा करती हैं, तो तेज प्रताप भी मुश्किल में पड़ सकते हैं।

कानून के जानकारों का मानना है कि अगर ऐश्वर्या भी अपनी प्रताड़ना संबंधी मामला दर्ज करा देती हैं, तो तेज प्रताप भी मुश्किल में फंस जाएंगे। इस कानून के तहत यह है कि शारीरिक दुर्व्यवहार अर्थात शारीरिक पीड़ा, अपहानि या जीवन या अंग या स्वास्थ्य को खतरा या लैगिंग दुर्व्यवहार अर्थात महिला की गरिमा का उल्लंघन, अपमान या तिरस्कार करना या अतिक्रमण करना या मौखिक और भावनात्मक दुर्व्यवहार अर्थात अपमान, उपहास, गाली देना या आर्थिक दुर्व्यवहार अर्थात आर्थिक या वित्तीय संसाधनों, जिसकी वह हकदार हैं, से वंचित करना, मानसिक रूप से परेशान करना ये सभी घरेलू हिंसा कहलाते हैं। 

इस कानून के तहत घरेलू हिंसा के दायरे में अनेक प्रकार की हिंसा और दुर्व्यवहार आते हैं। किसी भी घरेलू संबंध या नातेदारी में किसी प्रकार का व्यवहार, आचरण या बर्ताव जिससे उसके स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन, या किसी अंग को कोई क्षति पहुंचती है, या मानसिक या शारीरिक हानि होती है, तो यह घरेलू हिंसा है। 

मौखिक और भावनात्मक हिंसा ( जैसे अपमानित करना, गालियां देना, चरित्र और आचरण पर आरोप लगाना, लड़का न होने पर प्रताड़ित करना, दहेज के नाम पर प्रताड़ित करना, पीड़िता इस कानून के तहत किसी भी राहत के लिए आवेदन कर सकती है। पीड़िता भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत क्रिमिनल याचिका भी दाखिल कर सकती है, इसके तहत प्रतिवादी को तीन साल तक की जेल हो सकती है। 

इसके अलावा अपने निजी मामले में परिवार से बगावत कर चुके तेज प्रताप राजनीति में भी क्या अलग राह पर चलेंगे? यह ऐसा सवाल है जो कि पार्टी के साथ-साथ तेज प्रताप और लालू परिवार दोनों के शुभचिंतकों के दिमाग में कौंध रहा है। पहले से ही दोनों भाइयों के बीच वैचारिक मतभेद की खबर आने के बाद अपनी पत्नी ऐश्वर्या को तलाक देने के मामले तक तेज प्रताप ने ये जाहिर कर दिया है कि वो अपने फैसले खुद लेगें। 

शायद यही कारण रहा कि अपने पिता और पूरे परिवार के मुखिया लालू यादव से लेकर मां राबड़ी देवी के मनाने का असर तेज प्रताप पर नहीं पड़ा। तेज प्रताप घर से पिछले 27 दिनों से गायब रहे और उनको पटना वापस लाने तक की कोशिश तक विफल हो गई। पहले तो तेज प्रताप को तलाक की अर्जी वापस लेने की गुहार की गई, लेकिन उन्होंने इसे नकारा तो मामला घर वापस तक पहुंचा, लेकिन लालू का परिवार इसमें भी सफल नहीं रहा। 

तेज प्रताप की गैरमौजूदगी न केवल परिवार में ही है बल्कि वो पार्टी की बैठक, कार्यक्रम से भी लगातार दूर रहे। बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में ही तेज प्रताप न केवल सदन से गैरहाजिर दिखे बल्कि पार्टी के विधायक दल की बैठक से भी दूर रहे। भले तेजप्रताप ने ऐसा निजी कारणों से किया हो लेकिन पार्टी के अंदर भी उनकी सक्रियता को लेकर दबी जुबान से ही सही चर्चा होने लगी है। तेजप्रताप फिलहाल महुआ सीट से राजद के विधायक हैं, लेकिन संगठन को उनके छोटे भाई तेजस्वी ही चला रहे हैं। तेज प्रताप भी सार्वजनिक मंच से कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि उनके छोटे भाई ही पार्टी को संभाल रहे हैं। लेकिन, तेज प्रताप ने पार्टी के छात्र संगठन और आरएसएस के समानांतर डीएसएस की कमान अपने पास रखी है।

ऐसे में आने वाले दो सालों में लोकसभा और बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में संगठन से लेकर विधानसभा के सत्रों से तेज प्रताप की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। इससे पहले भी पार्टी की न्याय यात्रा की कमान भी अकेले तेजस्वी ने ही संभाली थी, जबकि लालू के जेल जाने से पहले तक पार्टी की किसी भी बैठक और कार्यक्रम में लालू के दोनों बेटों की सहभागिता होती थी और दोनों को एक साथ देखा जाता था। 

बहरहाल, सियासी गलियारों में इस बात पर चर्चा छिड गई है कि तेजप्रताप के इस फैसले का लालू परिवार पर क्या कोई असर भी पडेगा? वैसे, जानकारों का मानना है कि यह नितांत पारिवारिक मामला है। हालांकि, रसूखदार परिवार का मामला होने के कारण चर्चा में जरूर है। कहा जा रहा है कि जब तक तेज प्रताप के ससुर चंद्रिका राय इसे कोई मुद्दा नहीं बनाएंगे, तब तक इसका कोई असर नहीं होने जा रहा है। ऐसे भी लालू परिवार की तुलना में चंद्रिका राय के परिवार का राजनीतिक रसूख काफी कम है। 

उल्लेखनीय है कि कम पढ़े-लिखे तेज प्रताप की शादी हाईफाइल परिवार में पली-बढी ऐश्वर्या राय से हुई है। ऐश्वर्या अमेटी से एमबीए की हुई है। उसके पुरुष दोस्तों की भी लंबी फेहरिस्त है। तेजस्वी ने ऐश्वर्या पर कई गम्भीर आरोप लगाए हैं कि वह मॉडर्न है। सिगरेट और शराब पीती है। यही नहीं उसके पिता चंद्रिका राय राजद में अपनी हैसियत बनाना चाहते हैं। ऐश्वर्या उनके घर के लोगों को गंवार कहती हैं और उन्हें तेजस्वी से लड़ाना चाहती हैं। 

तेज प्रताप ने अदालत में तलाकनामे दायर करवा कर खुद तीर्थ पर निकल गए थे और कई जगहों की यात्रा करते हुए कई रूप में दिख रहे थे। कई राजनीतिक जानकारों ने तो इतना तक कह दिया कि तेज प्रताप अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। इधर ऐश्वर्या राय के पिता चंद्रिका राय और उनकी मां इस संबंध को बचाने की भगीरथ कोशिश करते रहे। 

लालू प्रसाद यादव सहित उनके लगभग सभी रिश्तेदारों ने तेजप्रताप को समझाने की भरपूर कोशिश की लेकिन सारी कोशिशें नाकामयाब साबित हुईं। इसी कड़ी में लालू परिवार में इसबार छठ भी नहीं हुआ। इधर, चंद्रिका राय भी राजद के कार्यक्रम से खुद को दूर रख रहे हैं। इस मामले को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा था कि उनके बड़े भाई तेज प्रताप और भाभी दोनों बालिग हैं और अपनी जिंदगी का फैसला लेने में सक्षम हैं। 

टॅग्स :तेज प्रताप यादवबिहारलालू प्रसाद यादव
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