नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात दंगा मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। न्यायमूर्ति यूयू ललित की अगुवाई वाली पीठ 22 अगस्त को 2002 के दंगों के मामलों में "निर्दोष लोगों" को फंसाने के लिए कथित रूप से सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार कार्यकर्ता की याचिका पर सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2002 के गुजरात दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश को खारिज करने के एक दिन बाद 25 जून को सीतलवाड़ को गिरफ्तार किया गया था। जेल में बंद सीतलवाड़ और पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरबी श्रीकुमार पर भी गोधरा दंगों के बाद के मामलों में "निर्दोष लोगों" को फंसाने के लिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया है। दोनों अहमदाबाद के साबरमती सेंट्रल जेल में बंद हैं।
इसके अलावा तीस्ता सीतलवाड़ के पूर्व सहयोगी रईस खान ने अहमद पटेल द्वारा तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात दंगे के बाद 30 लाख रुपये देने की बात कबूली थी। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने एक एफिडेविट फ़ाइल में कहा था कि कांग्रेस अध्यक्षा के सलाहकार अहमद पटेल के पास से समाजिक कार्यकर्ता को दो बार पैसे दिए गए हैं।