यूपी में दो साल पहले बना शिक्षा सेवा चयन आयोग, पहले आयोग के अध्यक्ष का रिक्त पद भरा जाएगा, फिर होगी शिक्षकों की भर्ती परीक्षा, हजारों पद खाली
By राजेंद्र कुमार | Updated: September 27, 2025 17:57 IST2025-09-27T17:57:23+5:302025-09-27T17:57:31+5:30
बीते दो वर्षों में यह आयोग ने एक भी शिक्षक की भर्ती नहीं कर सका, जबकि सूबे में शिक्षकों के हजारों पद रिक्त हैं. अब यह पद भरने की प्रक्रिया जल्दी शुरू भी नहीं होगी क्योंकि शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

यूपी में दो साल पहले बना शिक्षा सेवा चयन आयोग, पहले आयोग के अध्यक्ष का रिक्त पद भरा जाएगा, फिर होगी शिक्षकों की भर्ती परीक्षा, हजारों पद खाली
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती के लिए दो साल पहले बनाया गया शिक्षा सेवा चयन आयोग शिक्षकों की भर्ती में तेजी नहीं ला सका. बीते दो वर्षों में यह आयोग ने एक भी शिक्षक की भर्ती नहीं कर सका, जबकि सूबे में शिक्षकों के हजारों पद रिक्त हैं. अब यह पद भरने की प्रक्रिया जल्दी शुरू भी नहीं होगी क्योंकि शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
अब नए अध्यक्ष चुने जाने के बाद ही शिक्षकों की भर्ती की कोई प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष का चयन करने में कितना समय लगेगा? सरकार अभी यह बताने को तैयार नहीं है. चर्चा है कि शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष का चयन करने में करीब तीन माह लगेंगे. तब तक शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए होने वाली भर्तियां रुकी रहेगी.
इसलिए आयोग नहीं कर सका भर्ती :
फिलहाल शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पांडेय के इस्तीफा दिए जाने से सरकार की योजना को झटका लगा है. योगी सरकार ने प्रदेश में उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की भर्ती प्रक्रिया में एकरूपता, पारदर्शिता और तेजी लाने के लिए 23 अगस्त, 2023 को शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया था. इसके पहले प्रदेश में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की भर्ती के लिए उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग के अलग-अलग बोर्ड और आयोग थे. वे अपने स्तर से भर्तियां करते थे.
योगी सरकार ने उक्त व्यवस्था को खत्म कर शिक्षा सेवा चयन आयोग किया ताकि शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की भर्ती में तेजी आए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. आयोग के गठन के बाद पहले तो आठ महीने आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के चयन करने में लगा. इसके बाद जब आयोग ने शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की भर्ती के लिए विभिन्न विभागों से अधियाचन मांगे गए, उसमें ही काफी वक्त लगा.
इस कारण आयोग बेसिक, माध्यमिक, उच्च, तकनीकी शिक्षा सहित सभी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए कोई ठोस पहल नहीं कर सका. आयोग के एक सदस्य का कहना है कि बेसिक, माध्यमिक, उच्च, तकनीकी शिक्षा विभागों में भर्तियों का सिस्टम अभी तक काफी अलग रहा है. ऐसे में सभी की भर्ती प्रक्रिया और उसका प्रारूप तय करने में वक्त लगा.
इस बीच चयन आयोग ने 4,163 एडेड माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती और एडेड डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर 1,071 पदों की भर्ती के लिए तारीख घोषित की, लेकिन किसी न किसी वजह से परीक्षा टल गई. जबकि एडेड माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए वर्ष 2022 में विज्ञापन निकाला था और इस भर्ती के लिए 13.55 लाख आवेदन आए थे.
इसी तरह एडेड डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों की भर्ती के वर्ष 2022 में निकाले गए विज्ञापन पर एक लाख से ज्यादा लोगों के आवेदन किया था. इस तरह इन दो भर्ती परीक्षाओं के आवेदन करने वाले 14 लाख से अधिक अभ्यर्थी चयन आयोग के फैसले का इंतजार कर रहे थे. लेकिन अब चयन आयोग के अध्यक्ष का पद ही रिक्त हो गया है. ऐसे में अब पहले नए अध्यक्ष का चयन होगा, उसके बाद ही शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.
इस तरह होगा नए अध्यक्ष का चयन :
फिलहाल सरकार ने शिक्षा सेवा चयन आयोग के नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू की है. इसके लिए विज्ञापन जारी कर 21 अक्टूबर तक आवेदन मांगे गए है. अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होगा और अधिकतम आयु 65 वर्ष होगी. इस पद के लिए जरूरी है कि आवेदक आईएएस अफसर हो या किसी विश्वविद्यालय का कुलपति या किसी विश्वविद्यालय में बतौर प्रोफेसर 10 साल का अनुभव और तीन साल का प्रशासनिक अनुभव रखता हो.