वीएचपी की राम राज्य रथयात्रा ने दी तमिलनाडु में दस्तक, विरोध के बाद तिरुनेलवेली में लगाई धारा 144
By कोमल बड़ोदेकर | Published: March 20, 2018 06:16 AM2018-03-20T06:16:34+5:302018-03-20T06:25:21+5:30
डीएमके नेता एमके स्टालिन ने कहा है कि इस रथयात्रा से राज्य में सांप्रदायिक सोहार्द खराब होने की आशंका है इस पर फौरन रोक लगनी चाहिए।
तिरुनेलवेली, 20 मार्च। विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित राम राज्य रथ यात्रा तमिलनाडु में दस्तक दे चुकी है। लेकिन तिरुनेलवेली में इस रथ यात्रा के पहुंचने से पहले इसे भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ऐहतियातन प्रशासन ने तिरुनेलवेली में धारा 144 लागू कर दी है। वहीं डीएमके नेता एमके स्टालिन ने कहा है कि इस रथयात्रा से राज्य में सांप्रदायिक सोहार्द खराब होने की आशंका है इस पर फौरन रोक लगनी चाहिए।
#TamilNadu: Section 144 has been enforced in Tirunelveli after some miscreants announced a protest against the Ram Rajya Rath Yatra, organised by the Vishva Hindu Parishad. The section will be imposed till March 23.
— ANI (@ANI) March 19, 2018
#TamilNadu: DMK leader MK Stalin urges the govt to immediately stop the Ram Rajya Rath Yatra from entering the state. Stalin says, 'The Rath Yatra will disturb the communal harmony & peace in the state'.
— ANI (@ANI) March 19, 2018
बता दें कि बीती 13 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में नई सरकार के गठन के बाद पहली बार अयोध्या से श्रीरामराज्य रथयात्रा निकाली गई थी। इसका समापन रामेश्वरम में होना है। तय कार्यक्रम के मुताबिक अयोध्या से यह यात्रा नंदीग्राम, सुल्तानपुर, जौनपुर, वाराणसी, प्रयाग, चित्रकूट, इन्दौर और नासिक होते हुए 25 मार्च को रामेश्वरम में समाप्त होगी।
वीएचपी नेता शरद शर्मा ने इस मामले में कहना है कि, श्रीराम जन्म भूमि पर मंदिर बनने से ही देश में रामराज्य की स्थापना होगी। अयोध्या से रामेश्वरम तक निकलने वाली यात्रा अपने लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करेगी। श्रीराम दास यूनिवर्सल सोसायटी के बैनर तले शान्तानंद सरस्वती महाराज के मार्गदर्शन में यह रथयात्रा निकाली जा रही है।
इस यात्रा के रथ का आकार अयोध्या में प्रस्तावित राममंदिर की तर्ज पर है। देखा जाए तो इस यात्रा का मुख्य एजेंडा राजनैतिक है और इस यात्रा की मुख्य मांगे देश भर में रामराज्य की स्थापना, अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण, रामायण को स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना और रविवार की जगह गुरूवार को साप्ताहिक अवकाश घोषित करना।