महिला पत्रकार के गाल सहलाने के विवाद पर तमिलनाडु के राज्यपाल ने मांगी माफी, ऐसे दी सफाई
By पल्लवी कुमारी | Published: April 18, 2018 05:19 PM2018-04-18T17:19:39+5:302018-04-18T17:19:39+5:30
महिला पत्रकार लक्ष्मी सुब्रमण्यम ने ट्विटर पर लिखा, 'मैंने तमिलनाडु के गर्वनर बनवारी लाल पुरोहित से प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बारे में सवाल पूछा। उन्होंने बिना मेरी कंसेंट के मेरे गाल पर एक थपकी देकर जवाब दिया।
चेन्नई, 18 अप्रैलः राजभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महिला पत्रकार के गाल सहलाने के विवाद के बाद तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित बुधवार को माफी मांग ली है। राज्यपाल पुरोहित ने मंगलवार को एक महिला पत्रकार के सवाल पर उसकी गाल थपथपाकर विवाद में पड़ गए थे। महिला पत्रकार के आरोपों के बाद राज्यपाल पुरोहित ने उस वक्त माफी मांगी जब लक्ष्मी सुब्रमण्यम ने एक तस्वीर को ट्वीट किया।
इस घटना के बाद तमिलनाडु के पत्रकारों में काफी रोष था। उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखकर माफी मांगने के लिए कहा था। उसका जवाब देते हुए महिला पत्रकार को राज्यपाल पुरोहित ने लिखा, 'मुझे 18 अप्रैल को आपका ई-मेल मिला। जब वह प्रेस कांफ्रेंस खत्म हो रही थी तो आपने एक सवाल पूछा था। मुझे आपका सवाल अच्छा लगा। इसलिए आपका उत्साह बढ़ाने के लिए अपनी पोती समझकर स्नेहवश आपके गाल को थपथपाया था। आपके पत्रकारीय कर्म की सराहना के लिए ऐसा महज स्नेहवश किया था, क्योंकि मैं भी इस पेशे से 40 साल तक जुड़ा रहा हूं। आपके मेल से मुझे पता चला कि इससे आप आहत हुई हैं। मैं आपकी भावना को समझ सकता हूं और इसलिए मैं उस घटना पर खेद प्रकट करते हुए माफी मांगता हूं'
I asked TN Governor Banwarilal Purohit a question as his press conference was ending. He decided to patronisingly – and without consent – pat me on the cheek as a reply. @TheWeekLivepic.twitter.com/i1jdd7jEU8
— Lakshmi Subramanian (@lakhinathan) April 17, 2018
बता दें कि महिला पत्रकार लक्ष्मी सुब्रमण्यम ने घटना की जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा, 'मैंने तमिलनाडु के गर्वनर बनवारी लाल पुरोहित से प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बारे में सवाल पूछा। उन्होंने बिना मेरी कंसेंट के मेरे गाल पर एक थपकी देकर जवाब दिया।'
Even if the intention is above suspicion, a person who holds a public office has to understand that there is a decorum to it and violating a woman journalist’s personal space does not reflect the dignity or the respect which should be shown to any human being.
— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) April 17, 2018
वहीं इस मामले में विपक्षी डीएमके ने घटना को संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति का ‘अशोभनीय ’ कृत्य करार दिया था। डीएमके की राज्यसभा सदस्य कनिमोई ने ट्वीट किया कर कहा था कि अगर संदेह नहीं भी किया जाए तब भी सार्वजनिक पद पर बैठे एक व्यक्ति को इसकी मर्यादा समझनी चाहिए और एक महिला पत्रकार के निजी अंग को छूकर गरिमा परिचय नहीं दिया।