चेन्नई: श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे तमिल लोगों की मदद के लिए तमिलनाडु सरकार ने रसद और जरूरी दवाईयों को भेजने का फैसला किया है।
इस बात की जानकारी देते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार अपनी ओर से श्रीलंका को चावल, दूध और जरूरी जीवन रक्षक दवाएं भेजने जा रही है।
डीएमके प्रमुख स्टालिन ने इस कार्य में सहयोग करने के लिए तमिलनाडु की जनता से धन देने की अपील की है। इसके अलावा स्टालिन ने यह भी कहा कि वो श्रीलंका के राहत सामान भेजने के लिए जल्द ही केंद्र सरकार से अनुमति लेने जा रहे हैं ताकि वहां गरीबी और भूखमरी का सामना कर रहे लोगों को जल्द से जल्द राहत सामग्री भिजवा सकें।
तमिलनाडु सरकार ने श्रीलंका की मदद करने के लिए 40,000 टन चावल और 500 टन मिल्क पाउडर के अलावा जरूरी जीवन रक्षक दवाओं को भेजने की रणनीति पर काम कर रहा है।
समाचार वेबसाइट 'द न्यूज मिनट' के मुताबिक स्टालिन ने केंद्र सरकार से अपील की कि वो तमिलनाडु को इस बात की इजाजत दे कि वो श्रीलंका के लिए आवश्यक खाद्यान्न, दूध और दवाओं सहित अन्य जरूरी सामान को थूथुकुडी बंदरगाह से उत्तरी और पूर्वी कोलंबो में रहने वाले तमिल लोगों तक पहुंचा सके।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के इस मानवीय सहायता प्रस्ताव पर राज्य के विपक्षी दलों अन्नाद्रमुक और भाजपा की भी पूरी सहमति शामिल है।
सीएम स्टालिन ने कहा, "हम अपने पड़ोसी देश श्रीलंका को इस तरह से परेशानी में इसलिए नहीं देख सकते हैं क्योंकि ये उनका आंतरिक मामला है बल्कि हमारा प्रयास तो मानवीय सहायता के तौर पर है, जिसे हमें पूरी ईमानदारी के साथ करना चाहिए।"
तमिलनाडु द्वारा श्रीलंका को प्रस्तावित मानवीय सहायता की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि श्रीलंका सरकार को मानवीय सहायता भेजने पर केंद्र गंभीरता से विचार कर रहा है।
विदेश मंत्री ने 1 मई को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन को लिखे पत्र में कहा, "विदेश सचिव ने 16 अप्रैल को ही तमिलनाडु के मुख्य सचिव से इस विषय में बात की थी कि भारत सरकार श्रीलंका सरकार सरकार को मानवीय आधार पर सहायता के लिए तैयार है।"