तमिलनाडु: मुख्यमंत्री स्टालिन और राज्यपाल आरएन रवि के बीच फिर मची रार, कुलपतियों के चयन को लेकर आमने-सामने
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 7, 2023 10:22 AM2023-09-07T10:22:31+5:302023-09-07T10:36:01+5:30
तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और राज्यपाल आरएन रवि के बीच एकबार फिर संवैधानिक वर्चस्व के लिए सत्ता का टकराव शुरू हो गया है।
नई दिल्ली: तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और राज्यपाल आरएन रवि के बीच एकबार फिर संवैधानिक वर्चस्व के लिए सत्ता का टकराव शुरू हो गया है। जानकारी के मुताबित ताजा मामला राज्यपाल रवि द्वारा तीन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति के लिए खोज-सह-चयन समितियों के गठन की अधिसूचना को लेकर हुआ है।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार सूबे की डीएमके सरकार ने राज्यपाल आरएन रवि द्वारा कुलपतियों की नियुक्ति के लिए खोज-सह-चयन समितियों के गठन पर पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्यपाल के पास इस तरह की चयन समिति की स्थापना का कोई अधिकार नहीं है।
खबरों के अनुसार राज्यपाल आरएन रवि ने भर्थरी विश्वविद्यालय, तमिलनाडु शिक्षक शिक्षा विश्वविद्यालय और मद्रास विश्वविद्यालय के लिए अधिसूचना जारी की। राजभवन की ओर से जारी किये गये बयान के मुताबिक समिति इन विश्वविद्यालयों के रिक्त कुलपतियों के पद के लिए तीन नामों की सिफारिश करेगी।
अब राज्यपाल रवि द्वारा की गई इस कार्रवाई पर डीएमके सरकार ने विरोध जताई है। इस संबंध में तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने कहा कि राज्यपाल के पास राज्य विश्वविद्यालय अधिनियमों और क़ानूनों के अनुसार चयन समितियों का गठन करने की शक्ति नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्यपाल ने अपनी शक्तियों का एकतरफा दुरुपयोग करते हुए इन समितियों का गठन किया है और सरकार इस मामले को कानूनी तौर पर चुनौती देने में संकोच नहीं करेगी।
मंत्री पोनमुडी ने कहा, "तमिलनाडु के राज्यपाल ने मनमाने ढंग से चयन समितियों का गठन किया है, जो विश्वविद्यालय कानून और मानदंडों के खिलाफ है। तमिलनाडु सरकार राज्यपाल के मनमाने कदम को कानून के कटघरे में खड़ा करेगी।"
हालांकि, मंत्री ने इसके साथ इस बात का भी दावा किया कि राज्यपाल द्वारा मनमाने ढंग से गठित की गई चयन समिति तभी अपना कार्य आरंभ करेंगी, जब सरकार उन समितियों को राजपत्र में प्रकाशित करेगी।