जयपुरः राजस्थान में मोबाइल इंटरनेट सेवा 24 घंटे के लिए निलंबित की गई है। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी जिलों में एक महीने के लिये निषेधाज्ञा (सीआरपीसी की धारा 144) लगाई गई है। दर्जी की हत्या के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आतंकवाद निरोधी जांच एजेंसी एनआईए की टीम उदयपुर भेजी है।
राजस्थान में उदयपुर के धानमंडी थानाक्षेत्र में सोमवार को दो व्यक्तियों ने एक टेलर की कथित रूप से गला काटकर हत्या कर दी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता से शांति बनाये रखने की अपील की है। कथित रूप से दिन दहाड़े हत्या को अंजाम देने वाले दोनों शख्स ने ऑनलाइन वीडियो डालकर इस गुनाह की जिम्मेदारी ली और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।
स्थिति पर नजर बनाये रखने के लिये दो अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, एक पुलिस उपमहानिरीक्षक, एक पुलिस अधीक्षक, राजस्थान पुलिस सेवा के 30 अधिकारियों और पांच आरएसी की कंपनियों को उदयपुर भेजा गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) हवा सिंह घुमरिया ने कहा, ‘‘ राज्य स्तर पर अलर्ट जारी किया गया है और रेंज पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक को एहतियात के तौर पर गश्त बढ़ाने के लिये कहा गया है।’’
पुलिस के अनुसार आरोपियों को राजसमंद जिले के भीम क्षेत्र से पकड़ा गया। राजसमंद के पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने कहा कि दोनों आरोपी मोटरसाइकिल पर हेलमेट पहनकर भागने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें भीम क्षेत्र में नाकेबंदी के दौरान पकड़ लिया गया। उन्होंने कहा,‘‘हमने आरोपियों की पहचान की पुष्टि की है। 10 टीम को आरोपियों की तलाश में लगाया था।’’
टेलर कन्हैया लाल को सोशल मीडिया पर कुछ टिप्पणियां डालने के मामले में स्थानीय पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार किया था। सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो के अनुसार दोनों आरोपी धानमंडी थाना क्षेत्र स्थित टेलर की दुकान पर दोपहर में पहुंचे। इनमें से एक ने अपना नाम रियाज बताया है। उसने अपने आप को एक ग्राहक के रूप में बताया और टेलर ने उसकी नाप लेना शुरू कर दिया।
इस दौरान उसने टेलर पर हमला कर दिया वहीं दूसरे आरोपी ने मोबाइल फोन से घटना का वीडियो बनाया। वीडियो के अनुसार जब टेलर नाप लेकर लिख रहा था उस दौरान रियाज ने अचानक धारदार हथियार से उस पर हमला कर दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद दोनों आरोपी मौके से फरार हो गये और बाद में एक और वीडियो में उन्होंने अपराध करने की पुष्टि की।
घटना के सामने आने के बाद इसके विरोध में स्थानीय बाजारों में दुकानें बंद कर दी गयीं। दुकानदारों ने पुलिस को कन्हैयालाल का शव ले जाने से रोका और कहा कि हत्यारों की गिरफ्तारी होने और मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा तथा सरकारी नौकरी दिये जाने की घोषणा के बाद ही वे शव ले जाने देंगे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्विटर पर जनता से शांति बनाये रखने की अपील की और वीडियो साझा नहीं करने को कहा। उन्होंने जोधपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। पूरा पुलिस बल पूरी सतर्कता के साथ इस पर काम कर रहा है। हत्या के कारण लोगों में व्याप्त आक्रोश की मैं कल्पना नहीं कर सकता। हम कार्रवाई कर रहे हैं।’’
(इनपुट एजेंसी)