सुलतानपुरः उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ सुल्तानपुर में एमपी-एमएलए अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, जिन्होंने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया था। कोर्ट ने उन्हें 24 जनवरी से पहले पेश होने को कहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2016 में इस मामले पर स्टे ले लिया था।
ये वारंट 7 साल पुराने केस मामले में जारी हुआ है। 12 जनवरी को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन हाजिर नहीं हुए। सात साल पहले जब वह बसपा में थे तो उन पर सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया गया था। मौर्य को 24 जनवरी को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री पर धार्मिक भावना भड़काने का आरोप लगा था। 2014 में बसपा में रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने पूजा न करने का बयान दिया था। हिन्दू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। तभी से इनके खिलाफ मामला चल रहा है। ये वारंट नया नहीं है। ये मामला पहले से चल रहा है।
बुधवार को सुलतानपुर की एक अदालत ने देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी के एक मामले में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अनिल तिवारी ने बताया कि देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में मौर्य के खिलाफ 18 दिसंबर 2014 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
लेकिन इस मामले में मौर्य ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था। उन्होंने बताया कि छह माह की अवधि पूरी हो जाने पर अदालत में आज 12 जनवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य को हाजिर होने था, मगर उनके उपस्थित नहीं होने पर अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। मामले में अगली सुनवाई अब 24 जनवरी को होगी।
योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलों पर खुलासा करते हुए कहा कि शुक्रवार, 14 जनवरी को सपा का दामन थामेंगे और भाजपा में वापस जाने का सवाल पैदा नहीं होता है। बता दें कि, यूपी में भाजपा को बड़ा झटका देते हुए योगी सरकार के श्रम, रोजगार और समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद ने मंगलवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।