'ईसा मसीह हिंदू थे', स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने किया दावा, बताया वे वैष्णव सम्प्रदाय के थे अनुयायी
By आजाद खान | Published: October 30, 2022 12:31 PM2022-10-30T12:31:53+5:302022-10-30T13:09:28+5:30
दावा करते हुए स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि जब ईसा मसीह भारत में थे तो वे तीन साल तक ओडिशा के पुरी में बिताए थे।
रायपुर: शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने ईसा मसीह को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि ईसा मसीह हिंदू थे और इस बात को साबित करने के लिए उन्होंने इसका सबूत भी दिया है।
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने यह भी कहा है कि ईसा मसीह पूरे 10 साल तक भारत में रहे थे। यहीं नहीं उन्होंने हिंदू राष्ट्र और अविमुक्तेश्वरानंद पर भी बयान दिया है। वे रायपुर के शंकराचार्य आश्रम पहुंचे थे, इस दौरान यह बयान दिया है।
10 साल तक भारत में रहे थे ईसा मसीह
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने दावा करते हुए कहा है कि ईसा मसीह एक हिंदू थे। उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए यह भी दलील दी है कि उनकी विदेश में वैष्णव तिलक लगाई हुए प्रतिमा इस बात का सबूत है।
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने यह भी कहा है कि ईसा मसीह 10 साल तक भारत में भी रहे थे। उन्होंने दावा किया कि वे तीन साल तक ओडिशा के पुरी में थे और वे पूरी के शंकराचार्य के संपर्क में भी थे। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती की माने तो ईसा मसीह वैष्णव सम्प्रदाय के अनुयायी थे।
अविमुक्तेश्वरानंद पर भी बयान दिया है
अविमुक्तेश्वरानंद के बारे में बोलते हुए शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि वे धर्माचार्य या शंकराचार्य है, इसका क्या सबूत है। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा है कि इस बात का प्रमाण पत्र किसने दिया है?
इस पर बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि जो धर्म को सही से जानता है, वह इसका पालन करता है।
सनातनी हिंदूओं को लड़वाया जा रहा है
स्वामी जी ने सनातनी हिंदूओं के बारे में भी बोला है। उन्होंने कहा कि सवर्ण, एससी-एसटी जैसे शब्द राजनेताओं ने दी है। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या है शब्द व्यवस्था सनातन धर्म की देन हैं? उनके अनुसार, इसी व्यवस्था के कारण सनातनी हिंदू आपस में लड़ते है और इसका फायदा राजनेताओं को होता है।
उन्होंने लगों से इन राजनेताओं के बहकावे में नहीं आने की बात भी कही है। इस दौरान उन्होंने हिंदू राष्ट्र भी बनाने की बात कही है।