बनारस में दोबारा शुरू हुआ संतों का आंदोलन, अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- मंदिरों पर हथौड़ा बर्दाश्त नहीं
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: May 7, 2018 19:55 IST2018-05-07T16:31:35+5:302018-05-07T19:55:28+5:30
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि योगी सरकार आए और घोषणा करें कि वह अब काशी में किसी भी मूर्ती को क्षतिग्रस्त नहीं करेंगे सिर्फ आश्वासन ही नहीं बल्कि सरकार इस बात को लिखित में दे।

बनारस में दोबारा शुरू हुआ संतों का आंदोलन, अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- मंदिरों पर हथौड़ा बर्दाश्त नहीं
बनारस, 7 मई: काशी विश्वनाथ मंदिर कारीडोर और गंगा पाथ वे के नाम पर विश्वनाथ मंदिर के क्षेत्र में तोड़े गए मंदिरों के पुन: निर्माण को लेकर आज से (7 मई) से मंदिर बचाओ आंदोलन शुरू होने जा रहा है। इस आंदोलन की अगुवाई श्री विद्या मठ के मठाधीश स्वामी अविमुक्तेशरानंद सरस्वती कर रहे हैं। अविमुक्तेशरानंद ने व्यास पीठ को गिराए जाने का खुला विरोध किया है।
सरस्वती और श्री संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो विश्वंभर नाथ मिश्र की अगुवाई में तुलसी घाट पर हुई। बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ कि काशी के सैकड़ों वर्ष पुराने भवनों मंदिरों पर प्रशासन द्वारा एक भी हथोड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- जिनके साथ उड़ी राहुल गांधी से शादी की अफवाह, जानिए कौन हैं वो अदिति सिंह
श्री संकट मोचन मंदिर में दर्शन पूजन के उपरांत तुलसी घाट पर हुई बैठक में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हाईकोर्ट से किसी भी निर्माण और ध्वस्तीकरण पर स्टे के बावजूद हेरिटेज जोन में प्राचीनतम भवनों मंदिरों को तोड़कर देवताओं और लोगों को मलवा में रहने पर मजबूर किया जा रहा है। इसी मुद्दे को ध्यान में रखते हुए बनारस में आज आंदोलन शुरू किया गया है।
प्रेस को संबोधित करते हुए अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि योगी सरकार आए और घोषणा करें कि वह अब काशी में किसी भी मूर्ती को क्षतिग्रस्त नहीं करेंगे सिर्फ आश्वासन ही नहीं बल्कि सरकार इस बात को लिखित में दे। इनकी मांग है कि मुख्य रूप से जिन मंदिरों को तोड़ा गया है उन्हें उनकी लम्बाई और चौड़ाई के हिसाब से दुबारा बनवाकर उनकी मूर्तियों को वहां स्थापित किया जाए।
लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें