सर्वे में पटना निकला सबसे गंदा शहर तो बोले लालू यादव, 'का हो नीतीश-सुशील, इसका दोष हमें नहीं दोगे क्या'
By पल्लवी कुमारी | Published: August 21, 2020 02:12 PM2020-08-21T14:12:54+5:302020-08-21T14:12:54+5:30
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 (Swachh Survekshan 2020): देश के पांचवें वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार 2020 की घोषणा केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 20 अगस्त को की। यह सर्वेक्षण इस साल जनवरी में हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीर्ष पर आने वाले शहरों को बधाई देते हुए अन्य को और प्रयास करने के लिये प्रोत्साहित किया।
पटना: केंद्र सरकार द्वारा कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण के घोषित नतीजों में पटना 10 लाख और उससे ज्यादा की आबादी वाले शहरों की लिस्ट में सबसे नीचे रहा है। इतना ही नहीं इस बार सर्वे में बिहार की हालत फिर काफी खराब रही है। बिहार राज्य और राज्य की राजधानी पटना को खराब रैंकिंग मिलने पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सीएम नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर निशाना साधा है। शुक्रवार (21 अगस्त) को किए अपने ट्वीट में लालू प्रसाद यादव ने तंज करते हुए लिखा, क्या नीतीश और सुशील इसके लिए हमें ही जिम्मेदार ठहराएंगे?
लालू प्रसाद यादव ने अपने ट्वीट में स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 का एक डेटा शेयर करते हुए लिखा, ''का हो नीतीश-सुशील? इसका दोष हमें नहीं दोगे क्या? शर्म तो नहीं आ रही होगी इस कथित सुशासनी और विज्ञापनी सरकार के लोगों को??''
का हो नीतीश-सुशील? इसका दोष हमें नहीं दोगे क्या? शर्म तो नहीं आ रही होगी इस कथित सुशासनी और विज्ञापनी सरकार के लोगों को?? pic.twitter.com/l90VW3skN0
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 21, 2020
लालू प्रसाद यादव के अलावा उनके बेटे और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। तेजस्वी यादव ने लिखा है, 'देश में पटना को गंदगी में नंबर-1 स्थान मिलने पर 15 वर्षों के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को कोटि-कोटि बधाई। चलिए 15 वर्षों में कहीं तो नंबर-1 स्थान प्राप्त किया।'
देश में पटना को गंदगी में नंबर-1 स्थान मिलने पर 15 वर्षों के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी को कोटि-कोटि बधाई।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 21, 2020
चलिए 15 वर्षों में कहीं तो नंबर-1 स्थान प्राप्त किया।
एक अन्य ट्वीट में लिखा गया है, दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में पटना सबसे गंदा शहर! दस लाख से कम आबादी वाले शहरों में बिहार के 6 शहर! नीतीश कुमार और उनकी सरकार से कुछ नहीं सम्भल सकता! ना महामारी, ना बीमारी, ना बाढ़, ना गन्दगी और ना ही शिक्षा, स्वास्थ्य, पेय जल, पोषण, सड़क, नाले, जैसी मूल आवश्यकताएं!
दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में पटना सबसे गन्दा शहर!
— RJD Patna (@patna_RJD) August 21, 2020
दस लाख से कम आबादी वाले शहरों में बिहार के 6 शहर!@NitishKumar और उनकी सरकार से कुछ नहीं सम्भल सकता!
ना महामारी, ना बीमारी, ना बाढ़, ना गन्दगी और ना ही शिक्षा, स्वास्थ्य, पेय जल, पोषण, सड़क, नाले, जैसी मूल आवश्यकताएँ! pic.twitter.com/ecA5rZYamS
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020, जानें कौन सा शहर रहा टॉप पर
केंद्र सरकार द्वारा कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण के गुरुवार (20 अगस्त) को घोषित नतीजों में इंदौर को लगातार चौथे साल भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। सर्वेक्षण में इस बार दूसरा स्थान सूरत और तीसरा स्थान नवी मुंबई को मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को ‘गंगा किनारे बसा सबसे अच्छा शहर’ घोषित किया गया है। इस सूची में वाराणसी के बाद कानपुर, मुंगेर, प्रयागराज और हरिद्वार हैं। सौ से अधिक शहरी निकाय संस्था वाले राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ को ‘सर्वाधिक स्वच्छ राज्य’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को स्थान मिला है।
सर्वेक्षण के मुताबिक 10 लाख से ज्यादा आबादी वाली शीर्ष दस शहर- इंदौर, सूरत, नवी मुंबई, विडयवाड़ा, अहमदाबाद, राजकोट, भोपाल, चंडीगढ़, जीवीएमएस विशाखापत्तनम और वडोदरा हैं। इनके अलावा लखनऊ को 12वां, गाजियाबाद को 19वां, प्रयागराज को 20वां, धनबाद को 33वां और फरीदाबाद को 38वां स्थान मिला है। 47 शहरों में पटना सबसे निचले पायदान पर है जबकि चेन्नई को 45वां स्थान मिला है। मेरठ इस सूची में 41वें स्थान पर है और उसके बाद उत्तरी दिल्ली व कोटा हैं।