देहरादून, 24 दिसंबर ओमीक्रोन के कारण कोविड की तीसरी लहर की आशंका के चलते उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव टालने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सुझाव के एक दिन बाद, मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने शुक्रवार को कहा कि अगले सप्ताह उनकी उप्र की यात्रा के बाद इस मुद्दे पर कोई उचित फैसला किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने उच्च न्यायालय की टिप्पणी को लेकर यहां पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में संवाददाताओं से कहा, "मैं अगले हफ्ते उत्तर प्रदेश का दौरा करूंगा। स्थिति की समीक्षा करने के बाद स्थिति के अनुरूप उचित फैसला किया जाएगा।"
चंद्रा से पूछा गया था कि क्या चुनाव स्थगित करना संभव है क्योंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जतायी है।
चंद्रा ने उत्तराखंड की स्थिति पर कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव एसएस संधू से राज्य में ओमीक्रोन के मामलों के बारे में पूछा था और उन्हें बताया गया कि राज्य में कोविड-19 के नवीनतम स्वरूप का केवल एक मामला था।
चंद्रा ने कोविड के कारण आयोग द्वारा उठाए गए विभिन्न सुरक्षा उपायों का भी जिक्र किया लेकिन यह आश्वासन भी दिया कि वायरस के प्रसार पर काबू पाने के लिए “संवैधानिक स्थिति” के अनुसार जो कुछ भी आवश्यक होगा, वह किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोविड-19 की तीसरी लहर की बढ़ती आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने तथा चुनावों को टालने पर विचार करने का आग्रह किया है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने मतदान के दिन आयोग द्वारा तय किए गए कोविड विरोधी उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रति मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1,500 से घटाकर 1,200 कर दी गई है। इस वजह से उत्तराखंड में 623 नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
चंद्रा ने कहा कि नए मतदान केंद्रों के बाद राज्य में कुल मतदान केंद्रों की संख्या 11,647 हो जाएगी जिसका मतलब है कि उत्तराखंड में प्रति 700 मतदाताओं पर एक मतदान केंद्र है। उन्होंने कहा कि सभी मतदान केंद्र कोविड से सुरक्षित हों, यह सुनिश्चित करने के उपाय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में 100 मतदान केंद्र ऐसे होंगे जिनका संचालन महिलाएं करेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर बिजली, पानी, रैंप, शौचालय और शेड की न्यूनतम सुविधाएं होंगी और उन सभी में ‘वीवीपैट’ से जुड़ी ईवीएम होंगी।
आयोग ने चुनाव प्रचार के लिए 601 मैदानों और 277 भवनों की भी पहचान की है। उम्मीदवार उन्हें ऑनलाइन बुक कर सकते हैं और उन्हें पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर आवंटित किया जाएगा।
चंद्रा ने कहा कि अधिक से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें, यह सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड में पहली बार 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को घर से मतदान की सुविधा दी जा रही है। एक मोबाइल ऐप भी तैयार किया गया है ताकि लोग आसानी से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए शराब, मादक पदार्थ और अन्य उपहारों के वितरण के बारे में आयोग को जानकारी दे सकें।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि सभी राजनीतिक दल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अपने उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों का विवरण प्रकाशित करेंगे। उम्मीदवारों को अपने खिलाफ आपराधिक मामलों का ब्योरा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को भी देना होगा।
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