सुरेश प्रभु ने पूछा- आखिर राफेल मुद्दे पर सदन में चर्चा करने से क्यों भाग रही है कांग्रेस?

By अनुभा जैन | Published: December 18, 2018 07:13 PM2018-12-18T19:13:20+5:302018-12-18T19:13:20+5:30

केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कांग्रेस ने राफेल मुद्दे पर झूठ का सहारा लेते हुए देश की जनता का ही नहीं बल्कि सेना का भी अपमान किया है।

Suresh Prabhu hails SC order on Rafale deal says Congress lie exposed | सुरेश प्रभु ने पूछा- आखिर राफेल मुद्दे पर सदन में चर्चा करने से क्यों भाग रही है कांग्रेस?

सुरेश प्रभु ने पूछा- आखिर राफेल मुद्दे पर सदन में चर्चा करने से क्यों भाग रही है कांग्रेस?

राफेल विमान सौदे पर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उस फैसले से कांग्रेस का एक बार फिर झूठ बेनकाब हुआ है। राफेल मुद्दे पर हम संसद में चर्चा करने के लिए तैयार है लेकिन कांग्रेस सदन में इस मुद्दे पर चर्चा करने से दूर भाग रही है।’ यह कहना था केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु का जो आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कर रहे थे। 

उन्होने कहा कि कांग्रेस ने राफेल मुद्दे पर झूठ का सहारा लेते हुए देश की जनता का ही नहीं बल्कि सेना का भी अपमान किया है। देश की जनता जानना चाहती है कि कांग्रेस के शासनकाल में गर्वनमेन्ट- टू-गर्वनमेन्ट डील क्यों नहीं हुई ? वर्ष 2007 से 2014 तक देश की रक्षा जरूरतों से सम्बन्धित सभी मामलों को अटका कर कांग्रेस की सोनिया और मनमोहन सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया था।

प्रभु ने कहा कि राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस ने निर्णय प्रक्रिया, डील की कीमत और आॅफसेट पार्टनर इन तीन मुद्दों पर सवाल उठाये थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन तीनों मुद्दों पर बहुत ही स्पष्टतापूर्वक अपना फैसला दिया और कांग्रेस के सारे आरोपों को निराधार करार दिया एवं कहा गया कि इसमें जाँच की कोई जरूरत नहीं है। सदन में चर्चा होगी तो देश की जनता को पूरा सच ज्ञात हो जायेगा कि कांग्रेस ने किस तरह से झूठ बोलकर लोगों को भ्रमित किया है।

काल्पनिक दुनिया में जीने वाली कांग्रेस पार्टी में सच और न्याय की कोई गुंजाइश नहीं है। कांग्रेस खुद ही सवाल खड़े करती है, वकील भी वही है। कांग्रेस पार्टी की इस सोच की तरह से देश नहीं चल सकता है।

सुरेश प्रभू ने कहा कि राजस्थान की कई सालों से परंपरा रही है कि जो भी दल सत्ता में रहता है वह चुनाव के बाद विपक्ष की भूमिका में आ जाता है और बड़ी मात्रा में दोनों दलों में मतों का अंतर भी रहता है। लेकिन यह पहला चुनाव है जब सत्ता दल व विपक्ष में मात्र 0.5प्रतिशत का अंतर रहा। राजस्थान के लोगों ने इस विधानसभा चुनाव में भाजपा और वसुंधरा राजे के नेतृत्व में हुए विकास कार्यों पर अपनी मुहर लगाई है। इस चुनाव में मिले मत प्रतिशत से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

Web Title: Suresh Prabhu hails SC order on Rafale deal says Congress lie exposed

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