प्रमोशन में आरक्षण समेत इन चार अहम मुद्दों पर फैसले की घड़ी, सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं सभी की निगाहें
By आदित्य द्विवेदी | Published: September 26, 2018 10:40 AM2018-09-26T10:40:38+5:302018-09-26T10:40:38+5:30
आधार की वैधता और प्रमोशन में आरक्षण समेत इन चार अहम मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फैसला सुना सकता है। जानें सभी मामलों से जुड़ी जरूरी बातें
नई दिल्ली, 26 सितंबरः सुप्रीम कोर्ट में आज फैसलों का दिन है। आधार की वैधता, प्रमोशन में आरक्षण समेत चार अहम मुद्दों पर शीर्ष अदालत फैसला सुना सकती है। लंबे अरसे से लोगों को इन फैसलों का इंतजार था। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के रिटायरमेंट से पहले चार कार्य दिवस शेष हैं। इस दौरान उन्हें आधार, अयोध्या, अडल्टरी, सबरीमाला, एससी/एसटी में प्रमोशन में आरक्षण, कोर्ट कार्यवाही की रिकॉर्डिंग, भीड़ द्वारा संपत्ति के नुकसान पहुंचाने के मामले और एक्टिविस्टों के खिलाफ केस रद्द करने और एसआईटी जांच की गुहार पर फैसला देना है। इस तरह अगले चार कार्यदिवस में 9 अहम मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। जानें इन मामलों से जुड़ी जरूरी बातेंः-
आधारः वैध या अवैध
38 दिनों तक चली रिकॉर्ड सुनवाई के बाद आधार स्कीम की संवैधानिकता पर बुधवार को फैसले की खड़ी है। सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 27 याचिकाकर्ताओं को सुनने के बाद 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसे बुधवार (26 सितंबर) को सुनाया जाएगा। आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका असर सवा सौ करोड़ देशवासियों पर पड़ सकता है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ आधार स्कीम और इससे जुड़े 2016 के कानून की संवैधानिकता पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाएगी। मामले में उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस पुत्तास्वामी की याचिका सहित कुल 31 याचिकाएं दायर की गयी थीं।
प्रमोशन में आरक्षण मामले पर फैसला
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन में आरक्षण पर फैसला आ सकता है। आज तय किया जाएगा कि 2006 के नागराज मामले पर पांच जजों की बेंच के फैसले को सात जजों की संवैधानिक पीठ के पास भेजा जाए या नहीं। इस मामले पर पांच जजों की पीठ ने कहा था कि सरकार एससी-एसटी को प्रमोशन में आरक्षण दे सकती है लेकिन अपर्याप्त प्रतिनिधित्व की शर्त के साथ।
कोर्ट कार्यवाही की रिकॉर्डिंग
सुप्रीम कोर्ट बुधवार को तय करेगा कि कोर्ट की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग और सीधा प्रसारण होना चाहिए या नहीं।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली संवैधानिक बेंच तय करेगी कि केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल से लेकर 50 साल की उम्र की महिलाओं को एंट्री दी जाए या नहीं। इनकी एंट्री पर बैन के खिलाफ याचिका दायर की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा इस महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अपने रिटायरमेंट से पहले वो कई अहम मुद्दों पर फैसला सुना सकते हैं। इसी वजह से अगले चार दिन में 9 अहम मुद्दों पर फैसला आ सकता है। इसमें शुक्रवार को अयोध्या मामले पर भी फैसला आ सकता है। अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। इसके अलावा आईपीसी की धारा 497 पर भी फैसला आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में कहा गया है कि धारा-497 पुरुषों के साथ भेदभाव वाला है। इसे गैर-संवैधानिक घोषित किया जाए। इसके अलावा भीड़ द्वारा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामलों में जवाबदेही पर भी फैसला आ सकता है।