गौरक्षा के नाम पर होने वाली लिंचिंग से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, भीड़ की हिंसा पर चिंता जताई गई थी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 28, 2023 03:29 PM2023-07-28T15:29:38+5:302023-07-28T15:30:53+5:30

सुप्रीम कोर्ट नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन (एनएफआईडब्ल्यू) द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है जिसमें जिसमें मुसलमानों के खिलाफ विशेष रूप से 'गौरक्षकों' द्वारा लिंचिंग और भीड़ की हिंसा के मामलों में वृद्धि पर चिंता जताई गई थी।

Supreme Court will hear the petition related to lynching in the name of cow protection | गौरक्षा के नाम पर होने वाली लिंचिंग से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, भीड़ की हिंसा पर चिंता जताई गई थी

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Highlightsलिंचिंग और भीड़ की हिंसा के मामलों से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाईनेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन ने दायर की थी याचिकाएनएफआईडब्ल्यू की तरफ से कपिल सिब्बल पेश हुए

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन (एनएफआईडब्ल्यू) द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है जिसमें जिसमें मुसलमानों के खिलाफ विशेष रूप से 'गौरक्षकों' द्वारा लिंचिंग और भीड़ की हिंसा के मामलों में वृद्धि पर चिंता जताई गई थी। हालांकि शीर्ष अदालत ने इससे पहले साल 2018 में लिंचिंग और भीड़ हिंसा की रोकथाम के संबंध में केंद्र और राज्य सरकारों को व्यापक दिशानिर्देश जारी किए थे। लेकिन अब नई याचिका के बाद एक बार फिर से मॉब लिंचिंग पर सुनवाई होगी।

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने याचिका को सुनवाई योग्य माना और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों के बाद  केंद्रीय गृह मंत्रालय और महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश और हरियाणा राज्यों के पुलिस प्रमुखों से जवाब मांगा। सुनवाई के दौरान एनएफआईडब्ल्यू ने जोर देकर कहा कि सभी उच्च न्यायालयों के क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल करना व्यर्थ होगा। एनएफआईडब्ल्यू की तरफ से कपिल सिंब्बल ने कहा कि "यदि मुझे उच्च न्यायालय जाने के लिए कहें, तो कुछ नहीं होगा। मुझे इन सभी उच्च न्यायालयों में जाना होगा और (मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को) क्या मिलेगा? दस साल बाद दो लाख का मुआवजा। यह (तहसीन पूनावाला) फैसले के बावजूद है। हम कहां जाएं? यह बहुत गंभीर मामला है।"

बता दें कि नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन (एनएफआईडब्ल्यू) ने शीर्ष अदालत से भीड़ की हिंसा की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए "तहसीन पूनावाला मामले में निष्कर्षों और निर्देशों के संदर्भ में" तत्काल कार्रवाई करने के लिए संबंधित अधिकारियों को एक परमादेश जारी करने का आग्रह किया है। याचिका में बिहार के सारण और महाराष्ट्र के नासिक में गोमांस की तस्करी के संदेह में भीड़ द्वारा मुसलमानों की पीट-पीटकर हत्या की दो हालिया घटनाओं का हवाला दिया गया है।

इसके अलावा दो गायों को ले जाने के कारण एक मुस्लिम दिहाड़ी मजदूर पर बजरंग दल द्वारा कथित हमला, उड़ीसा की राजधानी, भुवनेश्वर में क्रोधित भीड़ द्वारा दो मुस्लिम व्यक्तियों पर हिंसक हमला, राजस्थान के कोटा में एक हिंसक भीड़ द्वारा कई हज यात्रियों को ले जा रही एक बस पर हमले को  एनएफआईडब्ल्यू ने पिछले दो महीनों में हुई लिंचिंग और भीड़ हिंसा के उदाहरण के रूप में पेश किया। 

Web Title: Supreme Court will hear the petition related to lynching in the name of cow protection

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