उच्चतम न्यायालय ईआईए पर केंद्र की अधिसूचना को प्रथम दृष्टया रद्द करने का इच्छुक

By भाषा | Updated: February 18, 2021 20:52 IST2021-02-18T20:52:52+5:302021-02-18T20:52:52+5:30

Supreme Court wants to cancel first notification of Center on EIA | उच्चतम न्यायालय ईआईए पर केंद्र की अधिसूचना को प्रथम दृष्टया रद्द करने का इच्छुक

उच्चतम न्यायालय ईआईए पर केंद्र की अधिसूचना को प्रथम दृष्टया रद्द करने का इच्छुक

नयी दिल्ली, 18 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि 100 किमी से कम लंबी सड़क परियोजना के पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) से प्राधिकारों को छूट देने वाली केंद्र की अधिसूचना को वह प्रथम दृष्टया रद्द करने का इच्छुक है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक मौखिक टिप्पणी में यह कहा।

पीठ पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बारासात से पेट्रापोल तक राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-112 को चौड़ा करने और रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए 350 से अधिक पेड़ काटे जाने के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई कर रही है।

न्यायालय ने कहा कि वह इस तरह की परियोजनाओं के लिए पेड़ों की कटाई पर मानदंड निर्धारित करने को लेकर एक विशेषज्ञ समिति गठित करने पर विचार करेगा।

न्यायालय ने कहा, ‘‘हम इस पर दिशानिर्देश तय करेंगे। पहली बात तो हम आपसे यह कहना चाहते हैं कि परियोजना की लागत में पेड़ों की कीमत को भी शामिल किया जाए। दूसरी बात यह कि एक खास प्रजाति के और अधिक पुराने पेड़ कभी नहीं काटे जाएं। हम पेड़ों के परिपक्व होने की उम्र निर्धारित करता चाहते हैं।’’

पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन भी शामिल हैं।

न्यायालय ने इस तरह की परियोजनाओं के लिए पेड़ों की कटाई किये जाने के संबंध में मानदंड तैयार करने को लेकर समिति गठित करने के वास्ते सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सहित अन्य वकीलों से नाम सुझाने को भी कहा।

न्यायालय द्वारा गठित चार विशेषज्ञों की एक समिति ने बंगाल में पांच रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए काटे जाने वाले 300 पुराने पेड़ों की कीमत 220 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था।

पीठ ने विभिन्न सड़क एवं अन्य परियोजनाओं से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर चिंता प्रकट की और जलमार्ग तथा रेलवे से यातायात के वैकल्पिक साधनों पर विचार करने का सुझाव दिया।

न्यायालय ने कहा कि यदि सड़क परियोजना अपरिहार्य है तो प्रत्येक पेड़ की कीमत भी परियोजना की नागत में शामिल की जाए।

न्यायालय ने कहा, ‘‘मौजूदा सड़कों के चौड़ीकरण की परियोजनाओं में काफी संख्या में पेड़ काटे जाएंगे और पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचेगा तथा हम प्रथम दृष्टया अधिसूचना को रद्द करने के इच्छुक हैं। ’’

पश्चिम बंगाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने पेड़ों के मूल्य का आकलन किये जाने की दलीलों का विरोध किया।

बहरहाल, पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 24 फरवरी तय की है।

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Web Title: Supreme Court wants to cancel first notification of Center on EIA

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