SC ने अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण मामले में सुनवाई की पूरी, फैसला रखा सुरक्षित
By भाषा | Updated: August 24, 2018 14:50 IST2018-08-24T14:50:09+5:302018-08-24T14:50:09+5:30
वेणुगोपाल ने कहा कि पायलट परियोजना की सफलता के आधार इसे अन्य अदालतों में भी लागू किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान ही न्यायालय में मौजूद एक वकील ने सीधे प्रसारण के सुझाव का विरोध करते हुए कहा कि इसका न्याय प्रशासन पर असर पड़ेगा और इससे फर्जी खबरों को बढ़ावा मिलेगा।

SC ने अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण मामले में सुनवाई की पूरी, फैसला रखा सुरक्षित
नई दिल्ली, 24 अगस्तः अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण के लिये दायर याचिाकाओं पर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सुनवाई पूर कर ली। इस संबंध में न्यायालय अपना फैसला बाद में सुनायेगा। अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने जब यह सुझाव दिया कि पायलट परियोजना के आधार पर प्रधान न्यायाधीश के न्यायालय के महत्वपूर्ण मुकदमों का सीधा प्रसारण किया जा सकता हो, तो प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि इस पर उपयुक्त आदेश दिया जायेगा।
वेणुगोपाल ने कहा कि पायलट परियोजना की सफलता के आधार इसे अन्य अदालतों में भी लागू किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान ही न्यायालय में मौजूद एक वकील ने सीधे प्रसारण के सुझाव का विरोध करते हुए कहा कि इसका न्याय प्रशासन पर असर पड़ेगा और इससे फर्जी खबरों को बढ़ावा मिलेगा।
शीर्ष अदालत ने हालांकि कहा, वह खुली अदालतों की धारणा को लागू करने की मंशा रखती है जिससे अदालती कक्षों में भीड़ कम होगी। उसने कहा कि सीधा प्रसारण शैक्षणिक कार्यों में भी मददगार हो सकता है।
न्यायालय ने पहले अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण को वक्त की जरूरत बताया था। कानून की एक छात्रा स्वप्निल त्रिपाठी ने एक याचिका में अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण कक्ष स्थापित करने और कानून के छात्रों को यहां तक पहुंचने की सुविधा प्रदान करनेका अनुरोध् किया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दिरा जयसिंह ने भी एक याचिका दायर करके महत्वपूर्ण मुकदमों की कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिग कराने का अनुरोध किया था। इसके अलावा एक गैर सरकारी संगठन ने भी इस मामले में जनहित याचिका दायर कर रखी है।