Article 370 पर फौरन सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, याचिका पर CJI देंगे आदेश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 8, 2019 11:03 IST2019-08-08T10:59:34+5:302019-08-08T11:03:31+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 की समाप्ति पर फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया है। वकील मनोहर लाल शर्मा ने याचिका दायर करके आर्टिकल 370 समाप्ति को चुनौती दी थी।

Article 370 पर फौरन सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, याचिका पर CJI देंगे आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 की समाप्ति पर फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया है। वकील मनोहर लाल शर्मा ने याचिका दायर करके आर्टिकल 370 समाप्ति को चुनौती दी थी। जस्टिस एवी रमन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि मामले को उचित बेंच के समक्ष भेजा जाएगा। इसके लिए सीजेआई आदेश जारी करेंगे।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने तहसीन पूनावाला की याचिका पर भी फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया। इस याचिका में जम्मू-कश्मीर से कर्फ्यू हटाने, फोन लाइन चालू करने, इनंटरने और न्यूज चैनलों पर बैन हटाने की मांक की थी।
Supreme Court bench headed by Justice NV Ramana said the matter would be placed before Chief Justice of India for listing. https://t.co/k5ankMiAWc
— ANI (@ANI) August 8, 2019
सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के बाद कथित तौर पर लगाए गए प्रतिबंध और अन्य प्रतिगामी फैसलों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने कहा कि उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है और गुरुवार को इस पर शीघ्र सुनवाई के लिये इसका उल्लेख किया।
याचिका में उन्होंने ‘कर्फ्यू/प्रतिबंध’ वापस लेने के साथ ही फोन लाइन, इंटरनेट और समाचार चैनलों को बंद किये जाने जैसे कथित प्रतिगामी कदमों को हटाए जाने की मांग की है। उन्होंने हिरासत में रखे गए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे दूसरे नेताओं की रिहाई के लिये भी उच्चतम न्यायालय से निर्देश देने की मांग की है।
कांग्रेस कार्यकर्ता ने राज्य की जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिये एक न्यायिक आयोग के गठन की भी मांग की है। उन्होंने दलील दी कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत दिये गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।
भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव पेश किया था। उसी दिन यह राज्यसभा में पारित भी हो गया था। लोकसभा ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प भारी बहुमत से मंगलवार को स्वीकृति दी।