देश भर में मुहर्रम पर जुलूस निकालने की अनुमति नहीं, SC ने मना किया, नहीं चाहते कि लोग समुदाय पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाएं

By भाषा | Published: August 27, 2020 05:26 PM2020-08-27T17:26:22+5:302020-08-27T18:17:26+5:30

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि इस तरह के आदेश से अव्यवस्था फैलेगी और एक समुदाय विशेष को निशाना बनाया जायेगा।

Supreme Court refuses not allowed take out a procession across Muharram across the country | देश भर में मुहर्रम पर जुलूस निकालने की अनुमति नहीं, SC ने मना किया, नहीं चाहते कि लोग समुदाय पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाएं

अपनी याचिका वापस लेने और लखनऊ में जुलूस निकालने के अनुरोध के साथ उच्च न्यायालय जाने की छूट प्रदान कर दी। 

Highlightsआप एक सामान्य आदेश देने का अनुरोध कर रहे है और अगर हम इसकी अनुमति देंगे तो इससे अव्यवस्था फैलेगी।एक समुदाय विशेष को कोविड फैलाने के लिये निशाना बनाया जाने लगेगा। हम ऐसा नहीं चाहते। हम न्यायालय के रूप में सभी लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डालने का जोखिम नहीं उठा सकते।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने देश भर में मुहर्रम पर जुलूस निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता को इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने के लिए कहा।

उच्चतम न्यायालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में मुहर्रम का जुलूस निकालने की बृहस्पतिवार को अनुमति देने से इंकार करते हुये लखनऊ स्थित याचिकाकर्ता से कहा कि वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाये। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि वह पूरे देश के लिये इस बारे में आदेश कैसे दे सकता है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि इस तरह के आदेश से अव्यवस्था फैलेगी और एक समुदाय विशेष को निशाना बनाया जायेगा। पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से याचिका की सुनवाई करते हुये कहा, ‘‘आप एक सामान्य आदेश देने का अनुरोध कर रहे है और अगर हम इसकी अनुमति देंगे तो इससे अव्यवस्था फैलेगी।

एक समुदाय विशेष को कोविड फैलाने के लिये निशाना बनाया जाने लगेगा। हम ऐसा नहीं चाहते। हम न्यायालय के रूप में सभी लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डालने का जोखिम नहीं उठा सकते।’’ पीठ ने याचिकाकर्ता शिया नेता सैयद कल्बे जव्वाद को अपनी याचिका वापस लेने और लखनऊ में जुलूस निकालने के अनुरोध के साथ उच्च न्यायालय जाने की छूट प्रदान कर दी। 

अदालत ने सरकार से मुहर्रम के नियमों पर मुस्लिम संगठन की बात सुनने को कहा

बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि मुहर्रम के दौरान शहर में सांकेतिक जुलूस निकालने की अनुमति मांग रहे एक स्थानीय शिया मुस्लिम संगठन का पक्ष बृहस्पतिवार शाम को सुना जाए। याचिकाकर्ता ऑल इंडिया इदारा-ए-तहाफुज-ए-हुसैनियत ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में दो प्रस्ताव जारी किये थे और जुलूस निकालने पर रोक लगाते हुए सभी से इस साल कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मुहर्रम घर में ही मनाने को कहा था। याचिकाकर्ता ने इस साल 27 से 30 अगस्त के बीच सांकेतिक जुलूस निकालने के लिए अनुमति मांगी थी। न्यायमूर्ति एस जे कत्थावाला और न्यायमूर्ति एन एम जामदार की पीठ ने राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग को याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने का निर्देश दिया।

Web Title: Supreme Court refuses not allowed take out a procession across Muharram across the country

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