ताजमहल की बदहाली पर बिफरा सुप्रीम कोर्ट, कहा- ASI से नहीं हो पा रहा तो दूसरा विकल्प देखें
By स्वाति सिंह | Published: May 9, 2018 02:29 PM2018-05-09T14:29:41+5:302018-05-09T14:55:32+5:30
पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई ) जो कि भारत के स्मारकों को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। उसे इस बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई, और फटकार लगाते हुए सवाल भी किए।
नई दिल्ली, 9 मई: ताजमहल के रंग बदलने को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को फटकार लगाई है। इसके बाद ASI ने अपना बचाव करते हुए जुराबों और काई को जिम्मेदार बताया है। पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई ) जो कि भारत के स्मारकों को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। उसे इस बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई, और फटकार लगाते हुए सवाल भी किए। कोर्ट ने पूछा ताजमहल को काई और अन्य कोई भी कीड़ा-मकोड़े (इंसेक्ट) नुकसान कैसे पहुंचा सकते है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि क्या काई के पास पंख भी होते है जो ऐसे उड़कर ताज़महल पर बैठ जाते है। कोर्ट ने कहा एएसआई को को समझना चाहिए कि ताजमहल में समस्या है ? इसके साथ ही कहा कि अगर अगर एएसआई अपना काम ठीक से नहीं कर या समझ पा रहे तो केंद्र को ताजमहल के रखरखाव अन्य विकल्प की तलाश करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड ने कहा- ताजमहल अल्लाह का है, इसलिए इसपर हमारा हक़
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के संरक्षण को लेकर चिंता जाहिर की थी। कोर्ट ने ताज के आसपास हो रही गतिविधियों पर सवाल खड़े किए थे। इसके साथ ही पास के इलाकों में हो रहे चमड़े और कांच की फैक्टरी पर भी जानकारी मांगी है। इसके अलावा कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकार से ताजमहल के आसपास रोपे गए पौधों की संख्या के साथ ही विजन डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए कहा है।