आपराधिक इतिहास वाले चार लोगों को कांस्टेबल नियुक्त करने के आदेश को उच्चतम न्यायालय ने रद्द किया
By भाषा | Published: August 25, 2021 09:48 PM2021-08-25T21:48:42+5:302021-08-25T21:48:42+5:30
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें दिल्ली पुलिस आयुक्त को आपराधिक इतिहास रखने वाले चार युवकों को कांस्टेबल नियुक्त करने को कहा गया था। दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने चारों की नियुक्ति को रद्द करने के आदेश को खारिज कर दिया था। पुलिस आयुक्त के माध्यम से दाखिल अपील को विचारार्थ स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति के एम जोसफ और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट की पीठ ने उच्च न्यायालय के इस निष्कर्ष से असहमति जताई कि अभ्यर्थी ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं और यह नहीं कहा जा सकता कि उनके आचरण में नैतिक भ्रष्टता शामिल है। पीठ ने कहा कि युवाओं और उम्मीदवारों की उम्र के बारे में उच्च न्यायालय की टिप्पणियों से उसकी जो सोच जाहिर होती है वह छोटे-मोटे अपराध के व्यवहार की सामान्य स्वीकार्यता की ओर इशारा करती है। उन्होंने कहा, ‘‘यह आदेश इस व्यापक रुख की ओर संकेत देता है कि युवकों की उम्र और उनकी ग्रामीण पृष्ठभूमि को देखते हुए इस तरह के छोटे-मोटे अपराधों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।’’ पीठ ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं से छेड़छाड़, अनधिकृत प्रवेश और मारपीट, हमला, किसी को चोट पहुंचाना (हथियारों से या बिना शस्त्र के) जैसे अपराधों के कुछ प्रकार जाति या प्रभुत्व आधारित व्यवहार को भी दर्शा सकते हैं। दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन करने वाले चारों अभ्यर्थियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कही थी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।