मायावती, अखिलेश और मुलायम को खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला, सुप्रीम कोर्ट का आदेश- पूर्व सीएम नहीं हैं बंगले के अधिकारी

By पल्लवी कुमारी | Published: May 7, 2018 12:20 PM2018-05-07T12:20:10+5:302018-05-07T12:20:10+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मिनिस्टर सैलरी अलाउंट ऐंड मिसलेनियस प्रॉविजन ऐक्ट के उन प्रावधानों को रद्द कर दिया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले में रहने का आधिकार दिया गया था।

Supreme court quashed the law passed by UP Govt granting permanent residential accommodation to former Chief Ministers | मायावती, अखिलेश और मुलायम को खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला, सुप्रीम कोर्ट का आदेश- पूर्व सीएम नहीं हैं बंगले के अधिकारी

मायावती, अखिलेश और मुलायम को खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला, सुप्रीम कोर्ट का आदेश- पूर्व सीएम नहीं हैं बंगले के अधिकारी

इलाहाबाद, 7 मई:  सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक जब कोई शख्स मुख्यमंत्री का पद छोड़ देने के बाद आम आदमी के जैसा हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को लोक प्रहरी संस्था की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मिनिस्टर सैलरी अलाउंट ऐंड मिसलेनियस प्रॉविजन ऐक्ट के उन प्रावधानों को रद्द कर दिया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले में रहने का आधिकार दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश  जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली करने होंगे, उसमें शामिल हैं,- मुलायम सिंह यादव, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, BSP प्रमुख मायावती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व CM नारायण दत्त तिवारी।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद भी सरकारी बंगले पर कब्जा पूरी तरह से मनमाना है। अगर कोई पद छोड़ देता है उसके बाद भी उसे विशेष दर्जा देते हुए सराकरी बंगला दिया जाए तो यह समानता के अधिकार के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकों में अलग अलग दर्जा नहीं बनाया जा सकता।

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस आदेश में साफ कर दिया है कि यह नियम सिर्फ उत्तर प्रदेश के कानून के खिलाफ है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देश के बाकी राज्यों से भी जवाब मांगा था, जहां भी इस तरह का नियम है। जिसके बाद कुछ राज्यों ने इसका जवाब नहीं दिया था।

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Web Title: Supreme court quashed the law passed by UP Govt granting permanent residential accommodation to former Chief Ministers

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