बोफोर्स घोटाले की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश एम खानविलकर ने वापस लिया नाम
By कोमल बड़ोदेकर | Published: February 13, 2018 04:58 PM2018-02-13T16:58:18+5:302018-02-13T17:18:38+5:30
जस्टिस खानविलकर, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के हिस्सा थे। इस पीठ में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे।
नई दिल्ली, 13 फरवरी। बोफोर्स डील से जुड़े 64 करोड़ रुपये के घोटाले की सुनवाई के एक मामले से न्यायधीश एम खानविलकर ने अपना नाम वापस ले लिया है। जस्टिस खानविलकर, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के हिस्सा थे। इस पीठ में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे। हालांकी अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि उन्होंने किन कारणों से अपने आपको इस केस से अलग कर लिया है। मामले की सुनवाई से अलग रहने का विकल्प चुनने का खानविलकर ने भी कोई कारण नहीं बताया है।
अब इस मामले में जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने कहा है कि बोफोर्स मामले की सुनवाई के लिए 28 मार्च को सुनवाई के लिए नई पीठ का गठन होगा। बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 31 मई 2005 को फैसला सुनाते हुए मामले के सभी आरोपियों के खिलाफ सभी आरोप खारिज कर दिये थे। जिसके बाद बीजेपी नेता अजय अग्रवाल ने अदालत के इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
अजय अग्रवाल द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच को करनी थी लेकिन जस्टिस खानविलकर ने इस सुनवाई से अचानक अपना नाम वापस ले लिया है, जिसके बाद मामले की सुनवाई टल गई है।