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सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को जारी किया नोटिस, तृणमूल नेता साकेत गोखले की गिरफ्तारी में मांगा जवाब

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: March 13, 2023 15:22 IST

सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल नेता साकेत गोखले की गिरफ्तारी पर गुजरात सरकार को नोटिस देकर दो हफ्ते के भीतर गिरफ्तारी के संबंध में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

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ठळक मुद्देसुप्रीम कोर्ट ने साकेत गोखले की गिरफ्तारी के मामले में गुजरात पुलिस को जारी किया नोटिसजस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने दो हफ्ते के भीतर जवाब देने का आदेश दियागुजरात पुलिस ने ने 30 दिसंबर 2022 को क्राउडफंडिंग के दुरुपयोग में साकेत को गिरफ्तार किया था

दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात पुलिस द्वारा क्राउडफंडिंग के मामले में तृणमूल नेता साकेत गोखले की गई गिरफ्तारी पर नोटिस जारी करते हुए दो हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले द्वारा दायर की गई जमानत याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा है।

साकेत गोखले को अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने 30 दिसंबर 2022 को क्राउडफंडिंग के जरिए इकट्ठा किये गये धन के कथित दुरूपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने साकेत गोखले को आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 467 (जालसाजी) के तहत निरूद्ध किया है।

सुप्रीम कोर्ट में साकेत गोखले द्वारा दायर हुए जमानत याचिका पर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने हमेशा कहा है कि उसने क्राउडफंडिंग से पैसा इकट्ठा किया है। उससे इकट्ठा हुए धन का सारा ब्योरा दिया है बावजूद उसके जेल में रखा गया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने से पहले गुजरात हाईकोर्ट ने 23 जनवरी को साकेत गोखले को जमानत देने से इनकार कर दिया था। जमानत खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने गोखले को आदेश दिया था कि वो चार्जशीट दायर होने के बाद ही जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दें।

30 दिसंबर को गिरफ्तारी से पहले साकेत गोखले को प्रवर्तन निदेशालय ने 25 जनवरी को क्राउडफंडिंग मामले में कथित अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ़्तार किया था।

गिरफ्तारी के बाद साकेत गोखले को 31 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था। उन्होंने दावा किया कि अहमदाबाद पुलिस द्वारा उनकी हिरासत गलत थी और आरोप लगाया कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया क्योंकि वह सत्ता प्रतिष्ठान के खिलाफ लड़ रहे थे।

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