रेप के आरोपी को बेल मिलने के बाद 'भैया इज बैक' का होर्डिंग लगाने पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, दी सख्त हिदायत

By विनीत कुमार | Published: April 12, 2022 07:58 AM2022-04-12T07:58:15+5:302022-04-12T08:11:40+5:30

मध्य प्रदेश की एक महिला ने रेप के आरोपी को हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है। महिला ने कोर्ट को बताया कि आरोपी को जमानत मिलने के बाद 'भैया इज बैक' के होर्डिंग्स लगाए गए।

Supreme court irked on Bhaiya Is Back posters for bailed rape accused of Madhya Pradesh | रेप के आरोपी को बेल मिलने के बाद 'भैया इज बैक' का होर्डिंग लगाने पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, दी सख्त हिदायत

रेप के आरोपी को बेल मिलने पर 'भैया इज बैक' का होर्डिंग लगाने पर भड़का सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Highlightsरेप के आरोपी शुभांग गोंटिया को जमानत दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची पीड़ित मामला।मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नवंबर में आरोपी को जमानत दे दी थी, शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का आरोप।पीड़ित महिला ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आरोपी को जमानत दिए जाने के बाद 'भैया इज बैक' के होर्डिंग्स कई जगह लगाए गए।

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में रेप केस के आरोपी एक छात्र नेता को जमानत मिलने के बाद 'भैया इज बैक' के कई होर्डिंग लगाए जाने का मामला सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। मध्य प्रदेश की पीड़ित महिला ने जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है। 

इसी की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी के जश्न को लेकर सख्त टिप्पणी की। महिला का आरोप है कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार बलात्कार किया और गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर किया।

मामले की सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस एनवी रमण की पीठ में शामिल जस्टिस हिमा कोहली ने आरोपी के वकील से पूछा, 'भैया इज बैक लिखे होर्डिंग लगे हैं। आप किस बात का जश्न मना रहे हैं।' इस पर चीफ जस्टिस ने भी पूछा, 'ये भैया इज बैक क्या है। अपने भैया को इस एक हफ्ते सावधान रहने को कहिए।'

ABVP से जुड़ा है आरोपी शुभांग गोटिया

मामले में आरोपी शुभांग गोंटिया भाजपा के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र शाखा एबीवीपी से जुड़ा है। महिला ने आरोपी की जमानत के खिलाफ याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने 'भैया इज बैक' वाले होर्डिंग्स की जानकारी दी थी।

याचिका पर कोर्ट ने आरोपी शुभांग गोंटिया को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनकी जमानत रद्द कर दी जाए। कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से भी इस संबंध में जवाब मांगा है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने नवंबर में शुभांग गोंटिया को जमानत दी थी।

जबलपुर महिला थाने में दुष्कर्म का मामला हुआ था दर्ज

अपनी याचिका में महिला ने दावा किया कि उच्च न्यायालय ने मामले के तथ्यों और गंभीरता पर विचार नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट को सोमवार की सुनवाई के दौरान बताया गया कि आरोपी ने एक निजी समारोह में महिला के माथे पर सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहनाया था लेकिन बाद में सार्वजनिक रूप से उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

महिला ने यह भी आरोप लगाया गया कि जब वह गर्भवती हुई तो उसका जबरन गर्भपात कराया गया। इसके बाद महिला ने जबलपुर महिला थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। महिला के अनुसार मामला दर्ज होते ही गोंटिया फरार हो गया।

आरोपी के खिलाफ जून 2021 में दुष्कर्म के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी और पुलिस ने 5,000 रुपये के इनाम की घोषणा की थी। कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को करेगा।

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