'बृजभूषण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने से पहले जांच की जरूरत', महिला पहलवानों के आरोप पर दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में रखी दलील

By अंजली चौहान | Published: April 26, 2023 01:10 PM2023-04-26T13:10:28+5:302023-04-26T13:18:19+5:30

दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि मामले में कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनकी प्रारंभिक जांच की आवश्यकता है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया कि अदालत के आदेश पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने में उसे कोई परेशानी नहीं है।

Supreme Court heard the petition of the wrestlers Need for investigation before registering FIR against Brij Bhushan Singh Delhi Police argued in the Supreme Court on the allegation of women wrestlers | 'बृजभूषण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने से पहले जांच की जरूरत', महिला पहलवानों के आरोप पर दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में रखी दलील

फाइल फोटो

Highlightsपहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की कोर्ट में दिल्ली पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज करने से पहले जांच की बात कही सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई 28 अप्रैल को करेगा

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय पहलवानों का धरना प्रदर्शन जारी है। महिला पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

पहलवान लगातार बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस बीच, मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई की गई।

दिल्ली पुलिस ने अदालत में सुनवाई के दौरान दलील रखी कि यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच की आवश्यकता है।

अदालत में दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष ये दलील पेश की है। 

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि मामले में कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनकी प्रारंभिक जांच की आवश्यकता है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया कि अदालत के आदेश पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने में उसे कोई परेशानी नहीं है।

मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई अब शुक्रवार, 28 अप्रैल को होगी। 

इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पहलवानों की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था जिसमें डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी।

अदालत ने कहा कि भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहलवानों की याचिका में गंभीर आरोप हैं। अदालत ने कहा था, ''जो शिकायतें सीलबंद लिफाफे में दी जा रही थीं, उन्हें फिर से सील कर याचिका के तहत रखा जाएगा।''

कोर्ट ने यह सुनवाई उस वक्त की जब कपिल सिब्बल ने पीठ के समक्ष पेश होकर मामले के बारे में जानकारी देते हुए इसकी जल्द सुनवाई की मांग की थी।

कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया था कि एक नाबालिग पहलवान समेत सात महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कानून में स्पष्ट प्रावधान होने के बाद भी दिल्ली पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। 

कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि इस दौरान मामले की सुनवाई कर रही कोर्ट याचिकाकर्ताओं की पहचान को सार्वजनिक न होने दें और यह सुनिश्चित कर की उन महिला पहलवानों की पहचान बाहर न जाए। 

मालूम हो कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

विनेश फोगट और अन्य सात पहलवानों ने अदालत से आग्रह किया है कि वह दिल्ली पुलिस को बृजभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश जारी करे क्योंकि ऐसा करने में अत्यधिक देरी हो रही है।

कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों ने यौन दुराचार और धमकी देने का आरोप लगाया है।

Web Title: Supreme Court heard the petition of the wrestlers Need for investigation before registering FIR against Brij Bhushan Singh Delhi Police argued in the Supreme Court on the allegation of women wrestlers

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