उच्चतम न्यायालय ने हृदय रोग के आधार पर मुआवजा मांगने वाले पूर्व नाविक की याचिका खारिज की
By भाषा | Updated: February 10, 2021 20:06 IST2021-02-10T20:06:04+5:302021-02-10T20:06:04+5:30

उच्चतम न्यायालय ने हृदय रोग के आधार पर मुआवजा मांगने वाले पूर्व नाविक की याचिका खारिज की
नयी दिल्ली, 10 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक पूर्व नाविक की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने एक हृदय रोग के आधार पर दिव्यांगता मुआवजा मांगा था और कहा कि संबंधित समस्या नौकरी के दौरान नहीं हुई थी।
न्यायमूर्ति एस के कौल, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने पटना उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि उच्च न्यायालय ने यह सही निष्कर्ष दिया कि संबंधित हृदय रोग की वजह से अपीलकर्ता को दिव्यांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम की धारा 47 के तहत कोई लाभ नहीं मिलेगा।
पीठ ने कहा कि संबंधित मामले में, जहाज पर ड्यूटी और अपीलकर्ता की चिकित्सकीय स्थिति के बीच कोई संबंध स्थापित नहीं किया जा सकता।
इसने कहा कि संबंधित हृदय रोग न तो दिव्यांगता की श्रेणी में है और न ही यह ऐसी दिक्कत है जिससे व्यक्ति की समाज में भागीदारी में पूर्ण एवं प्रभावी ढंग से बाधा उत्पन्न हो।
याचिकाकर्ता नवल किशोर शर्मा ने पटना उच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती दी थी जिसमें एक हृदय रोग के आधार पर दिव्यांगता मुआवजा मांगने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
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