संसद के नए भवन पर लगे राष्ट्रीय प्रतीक को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा- नहीं हुआ उल्लंघन

By मनाली रस्तोगी | Updated: September 30, 2022 14:32 IST2022-09-30T14:30:22+5:302022-09-30T14:32:22+5:30

संसद के नए भवन के ऊपर नए राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह लगाने को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि भवन के ऊपर स्थापित प्रतीक की शेर की मूर्ति भारत के राज्य प्रतीक (अनुचित उपयोग का निषेध) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करती है।

Supreme Court dismisses plea against national emblem atop new Parliament building | संसद के नए भवन पर लगे राष्ट्रीय प्रतीक को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा- नहीं हुआ उल्लंघन

संसद के नए भवन पर लगे राष्ट्रीय प्रतीक को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा- नहीं हुआ उल्लंघन

Highlightsजस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने याचिका को खारिज किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जुलाई को संसद के नए भवन की छत पर लगे राष्ट्रीय चिन्ह का अनावरण किया था।जुलाई में दो वकीलों ने नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संसद के नए भवन के ऊपर नए राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह लगाने को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि नए संसद भवन के ऊपर स्थापित प्रतीक की शेर की मूर्ति भारत के राज्य प्रतीक (अनुचित उपयोग का निषेध) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करती है। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने याचिका को खारिज किया है। 

कोर्ट ने ये भी कहा कि प्रतीक में शेरों के डिजाइन में एक स्पष्ट अंतर है जो सारनाथ संग्रहालय में संरक्षित प्रतीक की तुलना में शेरों के बदले हुए रूप को दर्शाता है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जुलाई को संसद के नए भवन की छत पर लगे राष्ट्रीय चिन्ह का अनावरण किया था। जुलाई में दो वकीलों ने नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

इसके साथ ही वकीलों ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय प्रतीक की डिजाइन भारत के राज्य प्रतीक (अनुचित उपयोग के खिलाफ निषेध) अधिनियम, 2005 का उल्लंघन करती है। अधिवक्ता अल्दानिश रीन और रमेश कुमार मिश्रा द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि प्रतीक में चित्रित शेर  "क्रूर और आक्रामक" प्रतीत होते हैं। वकीलों ने कहा कि राज्य के प्रतीक चिन्ह के डिजाइन में बदलाव स्पष्ट रूप से मनमाना है।

पीठ ने आदेश सुनाते हुए कहा, "याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत रूप से सुनने के बाद और जिस प्रतीक के बारे में शिकायत की गई है, उसके माध्यम से जाने के बाद, यह नहीं कहा जा सकता है कि यह किसी भी तरह से अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है। यह नहीं कहा जा सकता है कि अधिनियम 2005 के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन किया गया है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, नई दिल्ली पर स्थापित भारत के राज्य चिन्ह को कम से कम अधिनियम 2005 का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता है। रिट याचिका खारिज की जाती है।"

वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रीय प्रतीक कांस से बना है और इसका कुल वजन 9,500 किलोग्राम है। राष्ट्रीय प्रतीक की ऊंचाई 6।5 मीटर है और इसे नए संसद भवन के सेंट्रल फोयर के शीर्ष पर बनाया गया है। भारत का राज्य प्रतीक अशोक के सारनाथ सिंह राजधानी का एक रूपांतर है जिसे सारनाथ संग्रहालय में संरक्षित किया गया है। लायन कैपिटल के प्रोफाइल को भारत के राज्य प्रतीक के रूप में अपनाया गया है। 

Web Title: Supreme Court dismisses plea against national emblem atop new Parliament building

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